चार फीसदी
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बचत खाते पर आधी फीसदी घटी ब्याज दर अब सिम के लिए देनी होगी वर्चुअल आईडी
चार फीसदी की जगह अब 3.5 फीसदी ही वार्षिक दर से ब्याज मिलेगा पटना : एक जुलाई से कई वित्तीय प्रावधानों में बदलाव होने जा रहे हैं. अधिकतर बदलाव बैंकिंग प्रावधानों से जुड़े हैं. मुख्य बदलावों में एक बैंक के बचत खाते में ब्याज दर की कमी करना है. इसकी वजह से कुछ खास बैंक […]
की जगह अब
3.5 फीसदी ही वार्षिक दर से
ब्याज मिलेगा
पटना : एक जुलाई से कई वित्तीय प्रावधानों में बदलाव होने जा रहे हैं. अधिकतर बदलाव बैंकिंग प्रावधानों से जुड़े हैं. मुख्य बदलावों में एक बैंक के बचत खाते में ब्याज दर की कमी करना है. इसकी वजह से कुछ खास बैंक उपभोक्ताओं को कम ब्याज
मिलने का नुकसान हाे सकता है.
कुछ वित्तीय एवं बैंकिंग सेवाओं को जीएसटी की जद में लाया गया है. दरअसल बैंक के ग्राहकों को कई सेवाओं के चार्ज के साथ जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. हालांकि मोबाइल सिम खरीदी में आधार कार्ड की अनिवार्यता एक जुलाई से खत्म हो जायेगी.
ब्याज दर में आधा प्रतिशत की कमी : एक जुलाई से बचत खातों की जमा राशि पर अब केवल 3.5 फीसदी वार्षिक की दर से ब्याज मिलेगा. तीस जून तक यह ब्याज दर चार फीसदी थी. इस तरह लोगों को आंशिक तौर पर ब्याज के मुनाफे पर कुछ नुकसान सहन करना पड़ेगा. नये बदलाव के मुताबिक अब बैंक में उस राशि पर कम ब्याज मिलेगा, जिसका कोई दावेदार नहीं है. बैंक इस पैसे को डीईएएएफ में भेज देती है. अब इन खातों में जमा राशि पर 3.5 फीसदी की दर से साधारण वार्षिक ब्याज मिलेगा.
इस संबंध में बैंकों तक आधिकारिक सर्कुलर पहुंचने में अभी कुछ दिन लग सकते हैं. स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक बीडी प्रसाद ने बताया कि कई ग्राहक खाता खुलवाने के बाद उसे ऑपरेट नहीं करते है. ऐसे ग्राहकों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सरकार के यह फैसला लिया है. एक साल तक बचत खाते में लेन-देन नहीं होता हैं तो बैंक उसे निष्क्रिय खाते में डाल देती है. दो साल बाद इस तरह का खाता नॉन ऑपरेटिव हो जाता है.
एक अन्य अहम बदलाव
सिम बेचने वाले रिटेलरों के अनुसार अब मोबाइल सिम लेने के लिए उपभोक्ताओं को आधार देना अनिवार्य नहीं होगा. आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. इसमें कुछ ही डिटेल होंगी. यूअाईडीएआई यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी हो तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है. वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा रविवार से शुरू हो जायेगी. इसके लिए मोबाइल कंपनियों ने अपने रिटेलर के मोबाइल में साॅफ्टवेयर अपलोड कर दिया है. रिटेलर संदीप कुमार की मानें तो आधार नंबर से अधिक सुरक्षित होगा. वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वेरिफिकेशन हो सकेगा.
जीएसटी से जुड़े अहम बदलाव
अतिरिक्त चेक बुक पर देना होगा अब जीएसटी. अभी तक बैंक ग्राहक को नि:शुल्क चेक के बाद अगर अतिरिक्त चेक बुक लेनी होती थी तो उन्हें कुछ शुल्क देना होता है. हालांकि अब चार्ज के साथ उपभोक्ताओं को जीएसटी भी देना होगा. ईएमआई का समय पर भुगतान नहीं देने पर बैंक द्वारा वसूले गये चार्ज पर भी जीएसटी लगेगा. क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भुगतान नहीं करने पर लिये जाने वाले लेट चार्ज पर भी जीएसटी वसूला जायेगा. फ्री ट्रांजेक्शन के बाद होने वाले हर ट्रांजेक्शन करने के लिए 100 रुपये पर तीन रुपये अतिरिक्त टैक्स देना होगा.
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