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खैनी-बीड़ी को प्रतिबंधित करने की मांग करनेवाले मांझी ने दी नीतीश सरकार को चुनौती, कहा- ”खैनी” बंद करने का है साहस?

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार सरकार अब ‘खैनी’ (अप्रसंस्कृत तंबाकू) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार ‘खैनी’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा गया […]

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार सरकार अब ‘खैनी’ (अप्रसंस्कृत तंबाकू) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार ‘खैनी’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि पान मसाला और गुटखा पहले से ही राज्य में प्रतिबंधित है और राज्य में हर पांचवें व्यक्ति के खैनी का आदी होने के मद्देनजर इस पर भी प्रहार किये जाने की जरूरत है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि बिहार में ‘खैनी’ बंद करने का साहस है?

नीतीश सरकार के खैनी पर प्रतिबंध लगाने के विचार की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इस तरह के प्रतिबंध को लागू करने से तंबाकू व्यापार में लगे हजारों लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया जायेगा. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह की ‘नौटंकी’ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तंबाकू की खेती लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करती है, तो क्या ऐसे में नीतीश कुमार सरकार में वास्तव में खैनी पर प्रतिबंध लगाने का साहस है? मालूम हो कि बिहार में तंबाकू की खपत में पिछले एक दशक में गिरावट आयी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल ‘एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17′ के अनुसार ​इस प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत खैनी का इस्तेमाल करते हैं.

जीतन राम मांझी ने ही वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण नशाबंदी के लिए खैनी, बीड़ी समेत अन्य पदार्थों पर पाबंदी की कही थी बात

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी की तारीफ करते हुए कहा था कि फैसला अच्छा है. लेकिन, शराब पर ही पाबंदी लगा देने से नशाबंदी पूर्ण रूप से लागू नहीं होगी. इसके साथ खैनी, बीड़ी और अन्य नशीले पदार्थों पर भी पाबंदी लगानी होगी. जानकारी के मुताबिक, पांच अप्रैल, 2016 को डुमरिया प्रखंड क्षेत्र के रजकेल स्थान के पास मां सबरी के मंदिर की आधारशिला रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गये थे. इस दौरान उन्होंने बिकुआ कला गांव में मसजिद के पास अलहाजी सूफी मीर मोहम्मद रहम्मतुल्लाह अलेह के मजार पर चादरपोशी भी की थी. ग्रामीणों से मिल कर उनकी समस्याओं को भी सुना था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूर्ण शराबबंदी का फैसला अच्छा है, पर शराब पर ही पाबंदी लगा देने से नशाबंदी पूर्ण रूप से लागू नहीं होगी. इसके साथ-साथ खैनी, बीड़ी व अन्य नशीले पदार्थ पर भी पाबंदी लगानी होगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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