15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बच्चे बन गये हैं सॉफ्ट टारगेट, जिंदगी को खतरा गैरों से कम, ‘अपनों’ की आक्रामकता से है अधिक

पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि ‘बड़ों’ के झगड़े में छोटे-छोटे मासूम बच्चे जिंदगी खो रहे हैं. समस्तीपुर, लखीसराय और पटना में बच्चों को मारने की ताजा-तरीन हृदय विदारक घटनाएं इस बात की गवाह हैं कि मासूम बच्चों की जिंदगी को खतरा गैरों से कम, ‘अपनों ‘ की आक्रामकता से अधिक है. यह […]

पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि ‘बड़ों’ के झगड़े में छोटे-छोटे मासूम बच्चे जिंदगी खो रहे हैं. समस्तीपुर, लखीसराय और पटना में बच्चों को मारने की ताजा-तरीन हृदय विदारक घटनाएं इस बात की गवाह हैं कि मासूम बच्चों की जिंदगी को खतरा गैरों से कम, ‘अपनों ‘ की आक्रामकता से अधिक है. यह आक्रामकता उनकी निजी जिंदगी में आये तनाव से उपज रही है. हैरत की बात तो यह है कि लोग अपने बच्चों की जिंदगी बर्बरता से छीन रहे हैं. दरअसल कहीं गला दबा कर तो कहीं जमीन पर पटक कर बच्चों की जान ली जा रही है.
बच्चे बन गये हैं सॉफ्ट टारगेट
पटना कॉलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ इफ्तेखार हुसैन के मुताबिक बड़ों की आक्रामकता के लिए बच्चे ‘सॉफ्ट’ टारगेट बन गये हैं, क्योंकि बच्चे प्रतिरोध नहीं करते. मनोविज्ञानी बताते हैं कि बच्चों की सबसे बड़ी ताकत उनकी जादुई मुस्कान होती है, जिसे देखने के बाद क्रूर-से-क्रूर व्यक्ति अपने खतरनाक इरादे बदल लेता है.
अफसोस पिछले दिनों में जो कुछ घटा, उसे बर्बरता की पराकाष्ठा ही कहा जायेगा. प्रो इफ्तेखार के मुताबिक इन दिनों ऐसी अमानवीय घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. आधुनिक समाज के लिए यह चिंता का विषय है.
घटना के शिकार होनेवाले अधिकतर परिवार एकल
बच्चों की हत्या से जुड़े घटनाक्रमों पर बारीक नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक जिन परिवारों में यह दुखद घटनाक्रम हुए हैं, वे एकल हैं. ऐसे परिवारों की आर्थिक स्थिति भी कमोबेश सामान्य है.
बात साफ है कि पारिवारिक मूल्यों में गिरावट आ रही है. परिवारों में भावनात्मक एकजुटता भी कम हुई है. इसके अलावा परिजनों के रिश्ताें में आ रही कड़वाहट ने बच्चों को असुरक्षित परिवेश में रहने के लिए बाध्य कर दिया है. मनोविज्ञानी डाॅ बिंदा सिंह ने कहा कि कई वजहों से लोगों में सहन शक्ति कम होती जा रही है. तनाव और निराशा के भंवर में फंसे लोग अपने छद्म अहं को तुष्ट करने के लिए मासूम बच्चों के साथ आक्रामक व्यवहार कर रहे हैं.
कुछ मामले
27 मई को आरके नगर में एक बहनाेई ने साले के दो साल केबच्चे की गला दबाकर हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया. दरअसल उसकी पत्नी मायके में रह रही थी. विदाई को लेकर विवाद चल रहा था.
28 मई को लखीसराय में एक व्यक्ति ने अपने तीन नाबालिग बच्चों की गला दबा कर हत्या कर दी. इस दौरान पत्नी को भी मार दिया. बच्चों की उम्र दो से छह साल के बीच थी.22 मई को समस्तीपुर के मुफसिल थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर दी.
अमानवीय
घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि
– संयुक्त परिवारों को मजबूत बनाया जाये.
– रिश्तों के बीच पारदर्शिता लायी जाये.
– परिवार में बुजुर्गों की राय और उनके अनुभव की उपेक्षा कभी न करें.
– समाज निराश और हताश लोगों को संबल दे.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel