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उत्तर प्रदेश के ये आठ गांव जुड़ सकते हैं बिहार से, जानें क्या हैं कारण
असगर चौधरी कुशीनगर : यूपी की तीन ग्राम पंचायतों के आठ गांव की 25 हजार की आबादी को बिहार के पश्चिम चंपारण में शामिल करने की कवायद शुरू हो गयी है. अगर प्रस्ताव परवान चढ़ा तो यूपी के महराजगंज जिले के मानचित्र से आठ गांव ओझल हो जायेंगे. अपनी भौगोलिक स्थिति, आवागमन के साधन सहित […]
असगर चौधरी
कुशीनगर : यूपी की तीन ग्राम पंचायतों के आठ गांव की 25 हजार की आबादी को बिहार के पश्चिम चंपारण में शामिल करने की कवायद शुरू हो गयी है. अगर प्रस्ताव परवान चढ़ा तो यूपी के महराजगंज जिले के मानचित्र से आठ गांव ओझल हो जायेंगे. अपनी भौगोलिक स्थिति, आवागमन के साधन सहित अन्य संसाधनों की सुगमता को देखते हुए इन ग्राम पंचायतों को पड़ोसी बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले से जोड़ने की कवायद चल रही है.
इस संबंध में जिला प्रशासन ने बुधवार को एक प्रस्ताव बनाकर कमिश्नर गोरखपुर को भेजा है. शीघ्र ही इस प्रस्ताव को शासन स्तर से अमली जामा पहनाये जाने की उम्मीद है.
नारायणी के पार बसे अपनी दुश्वारियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाला सोहगीबरवा और उससे जुड़ी शिकारपुर और भोथहा तीनों ग्राम पंचायतों के आठ राजस्व गांवों में 25 हजार आबादी जीवनयापन कर रही है. स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं से वंचित यहां के ग्रामीण जिला मुख्यालय आने के लिए लंबा सफर तय करते हैं. पांच घंटे चलने के बाद ये महराजगंज पहुंचते हैं.
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