पटना : अगर आप बीमा कंपनियों के व्यवहार से परेशान हो चुके हैं तो आपके लिए अच्छी सूचना है. दरअसल बीमा लोकपाल निवेशकों के हितों के लिए प्रभावी साबित होते हैं. कई बार पॉलिसी धारक की मौत के बाद भी बीमा कंपनियां क्लेम का भुगतान करने में आनाकानी करती हैं. क्लेम करने के बावजूद आपके पैसे लटके पड़े हैं. बीमा कंपनी के कार्यालय में लिखित शिकायत करने के बावजूद आपकी समस्या का निदान नहीं हो रहा है, तो बीमा लोकपाल आपको न्याय दिलायेगा.
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बीमा लोकपाल से करें बीमा कंपनी की शिकायत
पटना : अगर आप बीमा कंपनियों के व्यवहार से परेशान हो चुके हैं तो आपके लिए अच्छी सूचना है. दरअसल बीमा लोकपाल निवेशकों के हितों के लिए प्रभावी साबित होते हैं. कई बार पॉलिसी धारक की मौत के बाद भी बीमा कंपनियां क्लेम का भुगतान करने में आनाकानी करती हैं. क्लेम करने के बावजूद आपके […]
l क्लेम का भुगतान करने में आनाकानी करती हैं कंपनियां
कंपनी से शिकायत
बीमा कंपनी की शाखा में जाकर ग्राहक या उनके परिजन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर आपको लगता है कि कस्टमर सर्विस विभाग आपकी मदद नहीं कर रहा है, तो कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी से संपर्क करें.
l यहां करें शिकायत : बिहार-झारखंड के लिए पटना स्थित कार्यालय में आप आवेदन दे सकते हैं. बीमा लोकपाल कार्यालय, कल्पना आर्केड, प्रथम तल्ला, बाजार समिति रोड, बहादुरपुर, पटना-16.
बीमा लोकपाल : बीमा लोकपाल किसी भी व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत आधार पर, किसी बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायतों को लेने और उन पर विचार करने के लिए अधिकृत है.
कोर्ट का सहारा : कंपनी और लोकपाल के फैसलों से सहमत नहीं है तो उपभोक्ता फोरम या कोर्ट भी जा सकते हैं.
ऐसे करें लोकपाल से शिकायत
शिकायतकर्ता को उस न्यायिक क्षेत्र के लोकपाल को शिकायत भेजनी चाहिए, जिसमें बीमा कंपनी का कार्यालय आता है. शिकायत, बीमा धारक के कानूनी-वारिसों द्वारा भी दर्ज करायी जा सकती है.
लोकपाल का फैसला
लोकपाल द्वारा सुलझाये गये किसी मामले में, मामले की गंभीरता को देखते हुए, उचित सिफारिश करता है. ऐसी सिफारिश, मामला दर्ज होने के एक महीने के अंदर संबंधित शिकायतकर्ता और बीमा कंपनी को भेज दी जाती है. अगर शिकायतकर्ता, लोकपाल की सिफारिशों और सुझावों से संतुष्ट है, तो सुझाव प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के अंदर लिखित रूप में लोकपाल को अपनी स्वीकृति देनी होती है. नियमों के अनुसार हर बीमा कंपनी को पॉलिसी दस्तावेज के साथ उस न्यायिक क्षेत्र के लोकपाल जिसमें वह बीमा कंपनी आती है, उसका विवरण देना होता है.
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