पटना : बिहार में विपक्षी पार्टी राजद को बहुत बड़ा झटका लगा है. पेशे से प्रोफेसर और पार्टी के पूर्व प्रवक्ता वरिष्ठ राजद नेता ने अशोक सिन्हा ने पार्टी छोड़ दी है. डॉ अशोक सिन्हा ने इसका कारण भी काफी गंभीर बताया है. अशोक सिन्हा ने बताया है कि राजद में रहते हुए बहुत घुटन हो रही थी. उन्होंने कहा कि सात महीने तक काफी इंतजार के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है. बिहार के युवा पत्रकार और राजद के साथ बिहार की राजनीति को नजदीक से देखने वाले शशि भूषण से अशोक सिन्हा ने विस्तृत बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजद केवल एक पारिवारिक पार्टी बनकर रह गयी है. उन्होंने शशि के सामने यह खुलकर स्वीकार किया कि लालू परिवार के गलत कामों का राजद के नेता बचाव करने में व्यस्त हैं.
उन्होंने यह कहा कि प्रदेश प्रवक्ता पद से हटाने का कारण आज तक मुझे नहीं बताया गया. अशोक सिन्हा के मुताबिक, राजद नेता रघुवंश प्रसाद, अब्दुल बारी सिद्दीकी और जगदानंद सरीखे बड़े नेता भी पार्टी के अंदर काफी घुटन महसूस कर रहे हैं. सभी को राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव का इंतजार है. उनका कहना है कि उच्च सदन के लिए होने वाले चुनाव के बाद राजद में बड़ी भगदड़ मचेगी. अशोक सिन्हा ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि तेजस्वी जैसे नौैसिखिये का नेतृत्व भी राजद के बड़े नेताओं को कबूल नहीं है.
RJD has become irrelevant in today's times, better to leave party respectfully than to waste time here. Tejashwi Yadav cannot lead the party like Lalu Ji did: Ashok Sinha, RJD leader who resigned from the party pic.twitter.com/c1EcvXrXFJ
— ANI (@ANI) January 30, 2018
उन्होंने कहा कि लालू परिवार ने पार्टी को टूट बचाने के लिए संघर्ष का नारा दिया था. पार्टी के विधायकों को टूटकर दूसरे दल में शामिल होने से बचाने के लिए समयपूर्व चुनाव की अफवाह उड़ायी गयी है. उन्होंने कहा कि राजद के 80 में से केेवल 30 से 35 विधायक ही लालू परिवार के साथ खड़ें हैं. अशोक सिन्हा ने साफ कहा कि पार्टी के अंदर नेताओं में बेचैनी है. उनके मुताबिक, लालू परिवार केवल उकसावे की राजनीति करना जानता है. एक जाति विशेष के खिलाफ यादवों को भड़काया जाता है. उन्होंने साफ कहा कि लालू परिवार को अपनी बेनामी संपत्ति पर सफाई देनी चाहिए. लालू यादव को जनता के सामने अपनी संपत्ति के विवरण को रखना चाहिए.
उन्होंने राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी पर हमला बोलते हुए कहा कि शिवानंद तिवारी ने लालू परिवार की नाशलीला लिखी आैर लालू आवास में बैठकर उन्हें अराजक बताते हैं. उन्होंने कहा कि तिवारी जी कहते हैं कि अराजक होने के बावजूद लालू के साथ चलना मजबूरी है. अशोक सिन्हा ने तेजस्वी को सलाह देते हुए कहा कि न्याय यात्रा पर निकलने से पहले अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब लेकर निकलें. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने संघर्ष से सफलता पायी है. हमने उन्हें पोस्टर लगाते और लाठी खाते देखा है. लालू यादव गाड़ी को धक्का देते थे. तेजस्वी की राजनीति एसी गाड़ी से शुरू हुई है. तेजस्वी राजा के घर पैदा हुए राजकुमार की तरह हैं. वह यह बताएं कि उन्होंने क्या संघर्ष किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि तेजस्वी के साथ लालू के कैडर का जाना नामुमकिन है. राजनीति कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल नहीं है. मुझे तेजस्वी यादव का नेतृत्व कबूल नहीं है. मैं बिहार की जनता से खेद जताता हूं. गलत होने के बावजूद लालू प्रसाद को डिफेंड करता रहा. आज आरजेडी के सभी दायित्वों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.
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