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बिहार : चार महीने में 31 जिलों के 21,890 टोलों में बिजली पहुंचाने की होगी बड़ी चुनौती
कवायद. भागलपुर में सबसे ज्यादा 2131 टोलों में पहुंचानी है बिजली शिवहर में सबसे कम 54 टोलों को करना है रोशन पटना : राज्य के 31 जिलों के 21,890 टोलों तक अगले चार महीने में बिजली पहुंचाने की बिजली कंपनी के पास बड़ी चुनौती होगी. अब तक राज्य के 1,06,249 में से 84,359 टोलों और […]
कवायद. भागलपुर में सबसे ज्यादा 2131 टोलों में पहुंचानी है बिजली
शिवहर में सबसे कम 54 टोलों को करना है रोशन
पटना : राज्य के 31 जिलों के 21,890 टोलों तक अगले चार महीने में बिजली पहुंचाने की बिजली कंपनी के पास बड़ी चुनौती होगी. अब तक राज्य के 1,06,249 में से 84,359 टोलों और बसावटों में बिजली पहुंचा दी गयी है. बचे टोलों में बिजली पहुंचने से बिहार अप्रैल महीने तक सभी टोलों में बिजली पहुंचाने वाले राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जायेगा. बिजली कंपनी को सबसे ज्यादा भागलपुर के टोलों व बसावटों में बिजली पहुंचानी है. हर टोला-बसावटों तक बिजली पहुंचाने में पटना जिला भी अभी पीछे है.
पटना के 2723 टोलों में से 2276 में ही बिजली पहुंच सकी है और 447 टोलों में बिजली पहुंचायी जानी है. भागलपुर जिले के 3308 टोलों में से अब तक मात्र 1177 टोलों तक बिजली पहुंची, जबकि चार महीने में सबसे ज्यादा 2131 बसावटों तक बिजली पहुंचानी है. वहीं, सारण के 4722 टोलों में से 1653 टोलों में, सीतामढ़ी के 2605 टोलों में से 1229 टोलों, पूर्वी चंपारण के 3709 टोलों में से 1333 टोलों, मुजफ्फरपुर के 2965 टोलों में से 1159 टोलों, कैमूर के 3213 टोलों में से 1146 टोलों, और औरंगाबाद के 3309 टोलों में 1137 टोलों तक बिजली पहुंचायी जानी है.
लक्ष्य महीने व सप्ताह में बंटेंगे
बचे टोला और गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए बिहार पावर होल्डिंग कंपनी तैयारी पूरी कर ली है. बिजली कंपनी ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (एसबीपीडीसीएल) और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (एनबीपीडीसीएल) के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किये हैं. अप्रैल, 2018 तक एसबीपीडीसीएल 14 जिलों के 10,086 टोलों में और एनबीपीडीसीएल को 17 जिलों में 11,804 टोलों व बसावटों में बिजली पहुंचानी है. इसके लिए बिजली कंपनी ने इंजीनियरों और कर्मचारियों को नये साल से नये सिरे से काम देने की तैयारी की है. चार महीने के लक्ष्य को महीने और सप्ताह में बांटा जायेगा.
तीन पावर ग्रिड के लिए ओड़िशा की हरी झंडी
बिहार में बनने वाले तीन ग्रिड पर ओड़िशा ने अपनी सहमति जता दी है. सहरसा, गया के चंदौत और सीतामढ़ी में बनने वाले ग्रिड पर बिहार के साथ-साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम जैसे इस्टर्न राज्यों ने पहले ही सहमति दे दी थी. राज्य सरकार ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से इस पर हस्तक्षेप की अपील की थी. इसकी जानकारी ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने दी.
उन्होंने बताया कि इस्टर्न रिजनल पावर कमेटी की बैठक में बिहार में तीन पावर ग्रिड बनाने का निर्णय लिया गया था. उस समय सभी राज्यों ने इस पर अपनी सहमति जतायी थी. 1251 करोड़ की इस योजना में तीन ग्रिड सब स्टेशन के लिए इस्टर्न राज्यों से बिहार का तार खींचना था. जिन-जिन राज्यों से यह तार होकर गुजरती वहां का खर्चा संबंधित राज्य को ही करना होता है. इससे मुख्य रूप से ट्रांसमिशन का काम होता है.
राज्य के टोलों और गांवों में बिजली की स्थिति
जिला बिजली जहां पहुंचानी
पहुंची है िबजली
अरवल 323 253
औरंगाबाद 2172 1137
बांका 1981 875
भागलपुर 1177 2131
भोजपुर 1219 112
बक्सर 2581 315
गया 4058 983
जमुई 2884 451
जहानाबाद 848 645
कैमूर 2067 1146
लखीसराय 1030 657
नवादा 1961 190
पटना 2276 447
रोहतास 1174 744
अररिया 3721 389
जिला बिजली जहां पहुंचानी
पहुंची है िबजली
बेगूसराय 2298 494
दरभंगा 2712 905
कटिहार 1778 634
खगड़िया 878 56
मधुबनी 2213 406
मुजफ्फरपुर 1806 1159
पश्चिमी चंपारण 4001 398
पूर्वी चंपारण 2376 1333
सहरसा 3402 126
समस्तीपुर 2172 545
सारण 3069 1653
शिवहर 324 54
सीतामढ़ी 1376 1229
सीवान 3476 654
सुपौल 3119 992
वैशाली 2336 776
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