पटना: जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि वे चोरी और घोटाला- घपला के खिलाफ सदैव रहे हैं, लेकिन कानून की गैर बराबरी पर आंखें मूंदें भी नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि चारा घोटाले के मामले में लालू प्रसाद के साथ सह-अभियुक्त अंबानी-टाटा-मित्तल होते तो 1 लाख 76 हजार करोड़ के2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की तरह बाइज्जत बरी हो जाते. सांसद ने कहा कि यह देश ऐसा बन गया है कि अंबानी-मित्तल टाइप लोग कितना भी बड़ा स्कैम कर लें, उन्हें कोई सजा नहीं मिलेगी. देश गवाह है कि बैंकों का हजारों करोड़ रुपया डकारे विजय माल्या को कैसे देश से भागने दिया गया.
पप्पूयादव ने कहा कि लाखों करोड़ का गलत लोन लेकर ऐश करने वाले देश के मुट्ठी भर बड़े लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. उन्होंने रांची जेल में बंद लालू प्रसाद के साथ हरियाणा जेल में बंद चौटाला बंधु की चर्चा भी करते हुए कहा कि दोनों की बदकिस्मती यह है कि उनके मामलों में कोई अंबानी-टाटा-मित्तलजैसेलोग सह अभियुक्त नहीं थे. वरना टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले की तरह यह भी मौजूदा सिस्टम में बाइज्जत बरी हो जाते. पप्पू यादव ने कहा कि 1 लाख 76 हजार करोड़ का घपला मामला सिर्फ डी राजा और कनीमोझी जैसे नेताओं का नहीं था.
उन्होंनेकहा कि परेशानी यह थी कि जब यह कहा जाता कि इन नेताओं ने रिश्वत ली तो सवाल उठता कि घूस दी किसने. ऐसे में, टूजी बेनिफिशरीज के नाम आते और ये नाम टाटा-अंबानी-मित्तल के होते. फिर इनके नाम को आगे लाता कौन. सिस्टम तो इन्हें बचाने का बना है, चाहे ये कुछ भी कर लें. सो, कोर्ट में केस की ठीक से पैरवी नहीं की गयी और सभी बरी हो गये. ऐसा लाभ लालू प्रसाद और चौटाला को तभी मिलता,जब कोई टाटा-अंबानी साथ में होता. पप्पू यादव कहा कि मधु कोड़ा का कोयला घोटाला लालू यादव के चारा घोटाले से बहुत बड़ा था. फिर भी उन्हें, न्यूनतम तीन साल की ऐसी सजा दी गयी, जिससे कि तुरंत जेल से छूट जाएं और अधिक राजनीतिक नुकसान न हो.
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