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बिहार : जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने ली पांच मरीजों की जान

पीएमसीएच : मरीज की मौत के बाद मारपीट नवीनगर : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में गुरुवार को एक मृत मरीज के परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई, जिसके बाद अस्पताल के सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये. हड़ताल के दौरान पीएमसीएच में पांच मरीजों की मौत हो गयी. हालांकि अस्पताल प्रशासन […]

पीएमसीएच : मरीज की मौत के बाद मारपीट
नवीनगर : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में गुरुवार को एक मृत मरीज के परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई, जिसके बाद अस्पताल के सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये.
हड़ताल के दौरान पीएमसीएच में पांच मरीजों की मौत हो गयी. हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों की मौत हड़ताल के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही से नहीं हुई, बल्कि सभी मरीज गंभीर थे. जूनियर डॉक्टरों के काम पर नहीं आने से ओपीडी सेवा भी बाधित रही. कई मरीजों को ओपीडी में काफी इंतजार करना पड़ा. दोपहर दो बजे के बजाय डेढ़ बजे ही सीनियर डॉक्टर ओपीडी छोड़ कर चले गये.
हड़ताल की वजह से छोटे-बड़े करीब 14 ऑपरेशन भी अगले दिन के लिए टाल दिये गये. हेल्थ मैनेजर से मारपीट के मामले में पीएमसीएच प्रशासन ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
क्या है मामला, क्यों हुई हड़ताल
मिली जानकारी के अनुसार पटना सिटी स्थित पत्थर की मस्जिद के रहने वाले 27 वर्षीय मोहम्मद जाहिद को डेंगू हुआ था. हालत बिगड़ने के बाद परिजनों उसे पीएमसीएच की इमरजेंसी में लेकर आये, जहां चेक करने के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर सुनने के बाद परिजन आक्रोशित हो गये और मारपीट करने लगे.
परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत नहीं हुई थी, बल्कि इलाज करने के डर से डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं मामला बढ़ता देख अन्य परिजन भी साथ देने लगे और कंट्रोल रूम में बैठे हेल्थ मैनेजर अरविंद कुमार की जम कर पिटाई कर दी. इसके बाद पिटाई के डर से इमरजेंसी में तैनात बाकी डॉक्टरों ने भी काम छोड़ दिया और वहां से भाग निकले. वहीं परिजनों ने बताया कि वह जाहिद को एनएमसीएच ले कर गये, जहां बीच रास्ते में दम तोड़ दिया.
बेड छोड़ भागे मरीज, 14 ऑपरेशन टले
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से जहां इलाज की व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी, वहीं दूसरी ओर ओपीडी में 700 मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. 14 ऑपरेशन अगले दिन के लिए टाल दिये गये. सबसे अधिक इमरजेंसी में मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ है. इतना ही नहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों को जब डॉक्टर देखने नहीं आये तो कुछ मरीजों की हालत गंभीर हो गयी. ऐसे में वे बेड छोड़ कुछ आईजीआईएमएस तो कुछ प्राइवेट अस्पताल चले गये.
दिन भर चला डॉक्टरों को मनाने का दौर
इधर, अस्पताल में चरमरायी व्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित कई आला अधिकारियों का जमघट पीएमसीएच में लगा रहा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव आरके महाजन अस्पताल प्रशासन को जल्द हड़ताल तोड़ने का निर्देश देते रहे. इतना ही नहीं, पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विजय गुप्ता, अधीक्षक डॉ दीपक टंडन और कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल समाप्त करने को कहा. लेकिन वे लिखित में अपनी प्रस्तावित मांगें रख रहे थे. अधिकारियों के लाख समझाने के बाद भी डॉक्टर नहीं माने और हड़ताल को जारी रखा.
आमने-सामने
सुबह 7:08 बजे इमरजेंसी में रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टर से संपर्क किया, पर डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया. जबकि मरीज की सांस चल रही थी. जब इलाज नहीं हुआ तो विरोध किया.
—मोहम्मद जैनूल, मरीज के परिजन
मरीज की मौत पहले ही हो चुकी थी. परिजनों के कहने बाद डॉक्टरों ने कार्डियक मसाज करने के बाद उसे ऑक्सीजन लगाया. ईसीजी भी किया, जिसमें वह मृत पाया गया.
—डॉ दीपक टंडन, अधीक्षक, पीएमसीएच

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