पटना : कहते हैं कि सियासत भी कभी-कभार कमोवेश क्रिकेट की तरह करवट लेती रहती है. एक दूसरे की विरोधी पार्टियों और उनके नेताओं को कोई मुद्दा हाथ लगने भर की देर होती है, वे छक्का मारने में देर नहीं करते. स्वभाविक है, अच्छा शॉट खेलने के बाद खुशी मिलनी लाजिमी है. कुछ ऐसा ही हुआ है, जदयू द्वारा एक फैसला लेने के बाद लालू यादव के साथ. उन्होंने अपने बयानों से अपना सियासी शॉट लगा दिया है, और लगातार कुछ दिनों तक लगाने के मूड में भी हैं, जब तक कि उधर से मनचाही कोई खबर न मिल जाये. जी हां, लालू यादव की इस खुश होने का कारण जदयू के उस फैसले में छिपा हुआ है, जिसमें पार्टी ने यह साफ किया है कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में अलग से अपना उम्मीदवार उतारेगी. जदयू की ओर से इतना कहना सियासत में ताजा-ताजा नीतीश कुमार के दुश्मन बने लालू जी के लिए काफी है.
लालू यादव अब लगातार मीडिया के सामने आते ही यह कहते नहीं थकते कि बिहार में भी बीजेपी और जदयू अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. दोनों की राह कुछ ही दिनों में अलग हो जाएगी. लालू ने जदयू के इस फैसले पर कहा कि गुजरात ही क्यों ,बिहार में भी दोनों साथ साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे. गुजरात में जदयू बीजेपी के अलग अलग प्रत्याशी उतारने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी और जदूय का गठबंधन स्थायी नहीं है. लालू जी को दोनों दलों के बीच का कुछ लू फॉल्ट मिल गया है, अब भला वह कहां चूकने वाले हैं, उन्होंने लगा दिया है छक्का. अब वे प्रतिक्रिया के इंतजार में हैं. हालांकि, जदयू के कई प्रवक्ता रोजना पानी-पी पी कर लालू यादव के परिवार और उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के मामले को उठाते रहते हैं.
बिहार कांग्रेस में मची उथल-पुथल के बीच पार्टी के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बने लालू ने लगे हाथों यह भी घोषणा कर दी कि यदि कांग्रेस की ओर से उन्हें गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया जायेगा, तो वह जरूर जायेंगे और भाजपा को हराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. लालू ने रोहतास शराब कांड के मामले पर नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फ्लॉप है. बिहार में ट्रकों से शराब की खेप बिहार आ रही है. अब आप समझ गये होंगे कि लालू यादव को कौन सा सियासी ऑक्सीजन मिला है और वह क्यों दो दलों के राजनीतिक संबंधों पर भविष्यवाणी करने लगे हैं.
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