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बिहार : सिपाही भर्ती परीक्षा में इस डिवाइस से हो रही थी चोरी, कैमूर पुलिस ने 8 को किया गिरफ्तार

जहानाबाद के मखदुमपुर में परीक्षा के दौरान पकड़ में आया चोरी करने का अनूठा तरीका कौशिक रंजन पटना : लेटेस्ट तकनीकों की सहायता से परीक्षा में चोरी करने का एक अनूठा मामला सिपाही बहाली के दौरान सामने आया है. जहानाबाद के मखदुमपुर से पेपर लीक के आरोप में अभ्यर्थियों, सेटर समेत करीब 12 लोगों की […]

जहानाबाद के मखदुमपुर में परीक्षा के दौरान पकड़ में आया चोरी करने का अनूठा तरीका
कौशिक रंजन
पटना : लेटेस्ट तकनीकों की सहायता से परीक्षा में चोरी करने का एक अनूठा मामला सिपाही बहाली के दौरान सामने आया है. जहानाबाद के मखदुमपुर से पेपर लीक के आरोप में अभ्यर्थियों, सेटर समेत करीब 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.
इनके पास से प्रश्नपत्र तो नहीं, लेकिन एक नायाब किस्म की गंजी बरामद हुई है. जॉकी की इस गंजी की कीमत 80 हजार से लेकर दो लाख तक है. यह खास गंजी आमतौर पर ब्लूटुथ का उपयोग करने वाली गंजी से तकनीकी रूप से एकदम अलग है. अब तक जांच में यह बात सामने आयी है कि इस गंजी को पटना का एक खास गिरोह तैयार करता है और इस तरह की हर प्रतियोगिता परीक्षा के पहले सेटरों के माध्यम से इनकी बिक्री अभ्यर्थियों के बीच की जाती है.
इस हाइ टेक्नोलॉजी वाले डिवाइस के माध्यम से अंदर से परीक्षार्थी प्रश्न बताते हैं और बाहर से स्कॉलर तुरंत ही उत्तर इसका लिखवा देते हैं. ज्यादातर प्रश्न-पत्र बंटने के साथ ही या इससे थोड़ा पहले ही संबंधित प्रश्नों को ऑउट करके इनके उत्तर की चोरी करवायी जाती है.
फिलहाल पकड़े गये लोगों की निशानदेही पर बनियान तैयार करने वाले पूरे गिरोह और इससे जुड़े सभी शातिरों को दबोचने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू हो गयी है. अब तक पकड़े गये लोगों से आगे की गहन पूछताछ चल रही है. इओयू और बिहार पुलिस की विशेष टीम इस मामले से जुड़े सभी तकनीकी पक्ष समेत गिरोह के मॉडस ऑपरेंडी को उजागर करने में जुटी हुई है.
पटना में तैयार की जाती है यह खास बनियान
आम ब्लूटुथ डिवाइस से काफी अलग
इस बनियान की सामने की पट्टी काफी चौड़ी होती है और इसके अंदर कॉपर की क्वाइलिंग काफी सलीके से की जाती है. यह मैगनेटिक फिल्ड उत्पन्न करता है और इसकी कनेक्टिविटी कान में मौजूद बेहद सूक्ष्म डिवाइस से होती है. बताया जा रहा है कि नैनो टेक्नोलॉजी आधारित डिवाइस को तैयार करने का तरीका चीन से सीखा गया है.
बेहद छोटा-सा बटन गंजी की पट्टी के बीच में लगा होता है. इसे एक बार ऑन करने के बाद यह पूरे समय काम करता रहता है. कान में जो ब्लुटूथ डिवाइस लगायी जाती है, वह बिना लेंस से देखे नहीं दिखता है. इसे डॉक्टर की मदद से कान के अंदर सेट किया जाता है. मखदुमपुर से पकड़े गये अभ्यर्थियों के कानों में यह सेट लगा था, जिसे पुलिस ने डॉक्टर की मदद से निकलवाया.
माचिस की डिब्बी जितनी बड़ी डिवाइस
सेटरों से एक दूसरा उपकरण पकड़ा गया है. माचिस की डिब्बी सरीखे इस उपकरण में एक नैनो सिम भी लगता है. इस उपकरण को छात्र अंडर गार्मेंट में कहीं छिपा लेते हैं.
इसे कान में लगे ब्लुटूथ डिवाइस से जोड़ा जाता है, जो कान में इस तरह से फिट किया जाता है कि बाहर से सिर्फ केश के बराबर पतला काला तार लटका रहता है. इसे ध्यान से भी देखने से यह लगता है कि कान पर कोई बाल उगा हुआ है. इसे सामान्य तौर पर पकड़ना लगभग नामुमकिन ही होता है.

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