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बिहार : दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश

पहल : राज्य में हर दिन दाल की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 41 ग्राम व राष्ट्रीय स्तर पर 52 ग्राम पटना : फिल्म ज्वार भाटा का गाना दाल रोटी खाओ, प्रभु का गुण गाओ आज भी लोग गुनगुनाते हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट है. जरूरत के मुताबिक राज्य के लोगों को दाल उपलब्ध नहीं है. दाल […]

पहल : राज्य में हर दिन दाल की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 41 ग्राम व राष्ट्रीय स्तर पर 52 ग्राम
पटना : फिल्म ज्वार भाटा का गाना दाल रोटी खाओ, प्रभु का गुण गाओ आज भी लोग गुनगुनाते हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट है. जरूरत के मुताबिक राज्य के लोगों को दाल उपलब्ध नहीं है. दाल के कटोरा के नाम से मशहूर मोकामा टाल व काला सोना ( उड़द) के पैदावार वाला दियारा क्षेत्र भले ही अपने यहां है, लेकिन दाल की उपलब्धता राज्य में हर दिन प्रति व्यक्ति 41 ग्राम ही है. वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर दाल की उपलब्धता 52 ग्राम है. यानी राष्ट्रीय स्तर से 11 ग्राम कम. कृषि विभाग दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है . इसके लिए दलहन बीजों के उत्पादन को बढ़ाया जायेगा.
राज्य में दलहन फसलों में मुख्य रूप से अरहर, मसूर, चना, उड़द, मूंग आदि आता है. राज्य में जरूरत के हिसाब से न तो दाल का उत्पादन होता है और न ही उसके बीजों का. कृषि विभाग दलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दालों के बीज उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. राज्य के तीसरे रोडमैप में बीज उत्पादन पर विशेष जोर दिया गया है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 14316 क्विंटल बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. सरकार बीज उत्पादन पर 2500 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि भी देती है.
241 कृषि फार्म में हो रहा है बीज का उत्पादन
बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग अपने 244 कृषि फार्म में से 241 में बीज उत्पादन का काम कर रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में बीज उत्पादन कार्यक्रम पर 19.87 करोड़ खर्च किया जा रहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम , एकीकृत बीज ग्राम योजना, चलाया जा रहा है.
चालू वित्तीय वर्ष में दलहन की 42192 क्विंटल बीज की जरूरत होगी. राज्य के किसान दूसरे राज्यों के बीज पर निर्भर हैं. बीज कंपनियां राज्य में दलहन बीज का उत्पादन भी नहीं करती है. कृषि रोडमैप के अनुसार 2017 से 2022 के बीज दलहन बीज उत्पादन में 12 फीसदी बढ़त का लक्ष्य रखा गया है.वहीं, मोकामा टाल के किसानों का कहना है कि अगर सरकार ध्यान दें, तो मोकामा टाल अकेले ही पूरे बिहार को दाल खिला सकता है.
कृषि रोडमैप में दाल पर विशेष फोकस
दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रयास शुरू हो गया है. कृषि रोडमैप में इस पर फोकस किया गया है. दलहन बीज उत्पादन को लेकर सरकार सहायता दे रही है. पांच साल में दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जायेंगे.
डाॅ प्रेम कुमार, कृषि मंत्री

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