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बिहार : महानगर समिति चुनाव में भाजपा गुट का दबदबा, इन्होंने हासिल की जीत
16 में 14 सीटों पर भाजपा गुट का कब्जा : आधी सीटों पर आधी आबादी ने बरकरार रखी उपस्थिति पटना : पटना को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने के लिए बनी महानगर योजना समिति का चुनाव शनिवार को संपन्न हुआ. चुनाव का आयोजन गांधी मैदान के अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित किया गया था. […]
16 में 14 सीटों पर भाजपा गुट का कब्जा : आधी सीटों पर आधी आबादी ने बरकरार रखी उपस्थिति
पटना : पटना को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने के लिए बनी महानगर योजना समिति का चुनाव शनिवार को संपन्न हुआ. चुनाव का आयोजन गांधी मैदान के अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित किया गया था. महानगर योजना समिति के चुनाव में कुल 16 सीटों पर आठ नगर निकायों के 236 पार्षदों को वोट देना था.
चुनाव परिणाम के बाद भाजपा गुट ने बाजी मारी. 16 सीटों में 14 सीट पर कब्जा जमाया. चुनाव का आयोजन दिन के 11 बजे से शुरुआत की गयी थी. इसके बाद 12:30 बजे तक नामांकन किया गया. इसके बाद पांच मिनट नाम वापसी का समय दिया गया था, हालांकि किसी ने नाम वापस नहीं लिया.
16 में से आठ सीटों पर महिलाओं का कब्जा : चुनाव के बाद 16 सीटों में से आठ सीटों पर महिला पार्षदों ने जीत दर्ज करायी. छह सीट अनारक्षित महिला के लिए था.
इसके अलावा अनुसूचित जाति महिला व पिछड़ा वर्ग महिला के लिए एक-एक सीट का आरक्षण था. इस हिसाब से कुल आठ सीटें महिलाओं के हक में आरक्षण के आधार पर चलीं गयी. अनारक्षित अन्य में एक महिला ने नामांकन किया था, लेकिन हार गयीं. 16 सीटों में 10 सीटों पर पटना नगर निगम के पार्षदों ने जीत दर्ज की.
236 पार्षदों में 220 हुए उपस्थित, 219 ने दिया वोट : 238 वार्डों में से पहले ही दो पार्षद कार्यकाल पूरा नहीं होने के कारण भाग नहीं ले सके थे. इसके कारण कुल 236 पार्षदों को उपस्थित होना था, लेकिन शनिवार के चुनाव में मात्र 220 पार्षद ही उपस्थित हो सके. वहीं फुलवारी के एक पार्षद बगैर वोट दिये ही निकल गये.
इसके बाद 219 पार्षदों ने वोट किया. इसके अलावा के बाद पिछड़ा वर्ग में 22, अनुसूचित जाति महिला में 18, पिछड़ा वर्ग अन्य में 28, अनारक्षित वर्ग महिला में 27 व अनारक्षित वर्ग अन्य में 13 वोट गलत वोटिंग के कारण रद्द कर किये गये. वहीं पांच पार्षद लेट आने के कारण वोट से वंचित हो गये.
इन्होंने हासिल की जीत
पिछली बार महागठबंधन ने मारी थी बाजी, इस बार बदल गया नजारा
पटना : कहते हैं अगर केंद्र में किसी पार्टी का शासन हो, तो चुनाव के दौरान किसी राज्य में उसी पार्टी की सरकार बनने की संभावना रहती है. वहीं अगर राज्य के चुनाव में किसी पार्टी व गठबंधन का जीत हो, तो उसका असर भी स्थानीय नगर निकायों के चुनाव में पड़ने लगता है. शनिवार को महानगर योजना समिति के चुनाव में भी इस तरह का असर देखने को मिला. पिछली बार अप्रैल में महानगर योजना समिति का चुनाव हुआ था. उस दौरान राज्य में महागठबंधन की सरकार थी. तब इस चुनाव में कुल 18 सीटों में 16 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा हो गया. वहीं इस बार अब राज्य में अब भाजपा गठबंधन की सरकार बन गयी है. इसका असर भी इस बार के चुनाव में दिख गया. इस बार 16 सीटों में 14 सीटों पर भाजपा गुट का कब्जा हो गया.
23 को होगा महानगर समिति के उपाध्यक्ष का चुनाव
समिति के सदस्यों के चुनाव के बाद अब 23 सितंबर को समिति के उपाध्यक्ष का चुनाव जिला कलेक्ट्रेट सभागार में होगा. पिछली बार नगर निगम के पार्षद ही उपाध्यक्ष बने थे. इस बार भी अन्य नगर निकायों से अधिक नगर निगम के पार्षदों की संख्या है. एेसे में इस बार भी नगर निगम की संभावना अधिक है.
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