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दोषी फार्मासिस्टों को पदस्थापित किये जाने पर हाइकोर्ट नाराज, मांगा जवाब
पटना : एक्सपायरी व सरकारी दवाओं के कालाबाजारी मामले में निगरानी जांच में दोषी पाये गये सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के फार्मासिस्टों को पुनः पीएमसीएच अस्पताल में पदस्थापित किये जाने पर नाराज पटना हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से यह बताने का निर्देश दिया कि आखिर किन […]
पटना : एक्सपायरी व सरकारी दवाओं के कालाबाजारी मामले में निगरानी जांच में दोषी पाये गये सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के फार्मासिस्टों को पुनः पीएमसीएच अस्पताल में पदस्थापित किये जाने पर नाराज पटना हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से यह बताने का निर्देश दिया कि आखिर किन परिस्थितियों में इन लोगों की पदस्थापना दोबारा पीएमसीएच में की गयी है. जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने शशिशेखर सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2012 में पीएमसीएच में दवाओं के एक्सपायरी होने और सरकारी दवाओं को बाजार में बेच दिये जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद निगरानी जांच में पीएमसीएच के फार्मासिस्टों जिनमें शिवेंद्र प्रसाद, सूरज कुमार यादव, रामेश्वर दास आदि की संलिप्तता पाये जाने के बाद इन लोगों का स्थानांतरण कर दिया गया था. परंतु, पुन: इन लोगों का पदस्थापना पीएमसीएच में कर दिया गया है, जो सरासर गलत है.
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