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लालू पर सीबीआइ छापा: एक वर्ष से दिन-प्रतिदिन हो रही है सुनवाई
पटना: लालू प्रसाद समेत अन्य अभियुक्तों ने आपसी षड्यंत्र के तहत वर्ष 1994 से वर्ष 1996 के बीच फर्जी विपत्र के माध्यम से 46 लाख 98 हजार 048 रुपये की अवैध निकासी कर राजस्व की क्षति पहुंचायी. उक्त मामले में लालू प्रसाद के अलावा जगन्नाथ मिश्रा, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, डाॅ नवल किशोर सिंह, संजय […]
पटना: लालू प्रसाद समेत अन्य अभियुक्तों ने आपसी षड्यंत्र के तहत वर्ष 1994 से वर्ष 1996 के बीच फर्जी विपत्र के माध्यम से 46 लाख 98 हजार 048 रुपये की अवैध निकासी कर राजस्व की क्षति पहुंचायी. उक्त मामले में लालू प्रसाद के अलावा जगन्नाथ मिश्रा, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, डाॅ नवल किशोर सिंह, संजय उप्पल, फ्रेडरिक करकेट्टा, गिरीश कुमार सिन्हा, आरके राणा, फूलचंद सिंह, चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, विद्यासागर निषाद, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत समेत 29 लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई पटना सीबीआइ तीन की विशेष अदालत में हो रही है. विगत एक वर्ष से उक्त मामले की दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है.
मामला सीबीआइ के साक्ष्य
पर रखा गया है, परंतु अभी तक सीबीआइ ने उक्त मामले में कुल 268 गवाहों में से मात्र 29 लोगों की गवाही आज तक करायी है. गौरतलब है कि सीबीआइ ने उक्त मामले में 44 लोगों के खिलाफ वर्ष 2003 में आरोप पत्र दाखिल किया था. लेकिन, वर्तमान में इनमें से 29 लोग ही जिंदा हैं जबकि 15 आरोपितों की मौत हो चुकी है. उक्त मामले में लालू प्रसाद यादव 36 दिन जेल में रहे थे.
जिस मामले में हुई रिहाई : आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले (5/98) में तत्कालीन सीबीआइ के विशेष जज मुनिलाल की अदालत द्वारा लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को अगस्त 2005 में बाइज्जत बरी किया गया था. सीबीआइ ने उक्त मामला वर्ष 1998 में लगभग 46 लाख रुपये आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था, लेकिन विशेष अदालत ने उक्त मामले में राबड़ी देवी की व्यक्तिगत आय का आकलन करते हुए संदेह का लाभ देते हुए बरी किया था.
पांच साल में हुई केवल 29 गवाही
एक मार्च 2012 को मामले में आरोप का गठन किया गया था. चार्ज सीट में सीबीआइ ने कुल 268 गवाहों की सूची दी, लेकिन उनमें से अब तक केवल 29 गवाह पेश हुए हैं जबकि सीबीआइ के विशेष अदालत तीन के जज देव राज त्रिपाठी द्वारा मामला की सुनवाई एक साल से दिन प्रतिदिन रखी गयी है. गवाही की धीमी रफ्तार की बड़ी वजह मामले का पुराना होना है. कई सरकारी अधिकारी जिन्हें सीबीआइ ने गवाह बनाया था, रिटायर कर चुके हैं. उनमें से कई अपने पैतृक गांव या गृह राज्य वापस जा चुके हैं जहां से उन्हें अदालत तक लाने में देरी हो सकती है. माना जा रहा है कि इसी रफ्तार से सुनवाई जारी रही तो गवाही पूरा होने में अभी 10 से 15 वर्ष और लगेंगे और समस्या और भी अधिक जटिल हो जायेगी.
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव व जगन्नाथ मिश्रा समेत कुल 44 अभियुक्तों के खिलाफ 31 मार्च 2003 को चार्जशीट हुआ था.
15 मई 1996 को स्पेशल केस नंबर 64/96/63A दर्ज किया गया.
11 मार्च 1996 को हाइ कोर्ट पटना एवं 19 मार्च 1996 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उक्त मामला दर्ज किया गया था.
पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य विभाग बिहार के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस द्वारा 16 अप्रैल 1996 के शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.
उक्त मामला भादवि की धाराएं 120 बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477A, 201, 511 और 13 (2) सह पठित धारा 13(1)(C)(D) पीसी एक्ट में दर्ज किया गया था.
मामले में आरोप का गठन एक मार्च 2012 को किया गया था.
उक्त मामले में सीबीआइ ने कुल 268 गवाहों की सूची दी है.
वर्तमान में यह मामला पटना सीबीआइ तीन की अदालत में चल रहा है.
अब तक 29 गवाह पेश हुए हैं. जबकि मामला एक साल से दिन प्रतिदिन रखा गया है.
तेज प्रताप : दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
विधानसभा चुनाव के हलफनामे के मुताबिक तेज प्रताप यादव के पास दो करोड़ से ज्यादा चल और अचल संपत्ति हैं. उनकी कुल सालाना आय 4,45,105 रुपये हैं. उनके पास नकद राशि सवा लाख रुपये हैं और कुल चल संपत्ति एक करोड़, 12 लाख, 25,199 रुपये हैं. वहीं, अचल संपत्ति 88,72,500 रुपये की है. उन पर कुल लोन 18,54,438 रुपये की है. वहीं, बतौर मंत्री उन्होंने जो संपत्ति का विवरण दिया है उसके अनुसार उनके पास कृषि, गैर कृषि जमीन व अपार्टमेंट भी हैं.
कृषि भूमि :
फुलवरिया, सेलारकेला, उचकागांव गोपालगंज : 14 कट्ठा 11 धूर और 11.5 डिसमिल: 4.95 लाख रुपये
पलंगा, फुलवारीशरीफ : एक बीघा जमीन
4 लाख रुपये
फुलवरिया, गोपालगंज : 18 कट्ठा, 10.5 धूर : आधा शेयर, 2.75 लाख रुपये
विशुनपुरा, गोपालगंज : 3 कट्ठा : आधा शेयर, 62.5 हजार रुपये
सेलारकेला, गोपालगंज : 5 कट्ठा : आधा शेयर, 90 हजार रुपये
बैरिया, पटना, 21 कट्ठे दो धूर : आधा शेयर, 10.50 लाख रुपये
गैर कृषि भूमि
धनौत, दानापुर : 8 कट्ठा, 15 धूर : 20 लाख
धनौत, दानापुर : 4 कट्ठा : 8.50 लाख रुपये
बिल्डिंग
चितकोहरा, पटना : 3 कट्ठा जमीन और भवन : 24 लाख, आधा शेयर
हैयापुर, गोपालगंज : 3 कट्ठा और भवन : आधा शेयर, 12.50 लाख
कॉमर्शियल बिल्डिंग
चितकोहरा, पटना : 3 कट्ठा जमीन और भवन : आधा शेयर, 24 लाख रुपये
अपार्टमेंट
हैयापुर, गोपालगंज : 3 कट्ठा, 2.5 धूर जमीन : 12.50 लाख आधा शेयर
तेजस्वी : 2.32 करोड़ की कुल संपत्ति
विधानसभा चुनाव 2015 के नामांकन में दाखिल हलफनामे में तेजस्वी ने ब्योरा देते हुए कहा है कि उनके पास 1 करोड़, 40 लाख, 93,822 रुपये की चल संपत्ति है. वहीं 91,52,500 की अचल संपत्ति है. चल संपत्ति में 1.20 लाख नकद हैं. तेजस्वी के पास 100 ग्राम सोना है. बैंक का 34 लाख रुपया लोन है. वर्ष 2014-15 में तेजस्वी ने वार्षिक आय 5.8 लाख रुपये बतायी है. तेजस्वी के नाम 1 करोड़, 7 लाख रुपये पर्सनल लोन है. यह लोन फर्म, कंपनी या ट्रस्ट के नाम पर हैं. तेजस्वी के पास अचल संपत्ति में दो प्लाट व कृषि योग्य जमीन है. जिसकी कीमत 11 लाख, 75 हजार रुपये हैं. कुल 91 लाख, 52,500 रुपये की अचल संपत्ति बतायी गयी है. वहीं, सरकार में रहते उन्होंने जो अपनी संपत्ति घोषित की है उसमें जमीनों का विस्तार से जिक्र किया है आप भी देखिए उनके नाम पर कितनी जमीन और बिल्डिंग है.
कृषि भूमि
पलंगा मौजा, फुलवारी : 1 बीघा जमीन : 4 लाख रुपये लगभग
बैरिया, पटना : 21 कट्ठा दो धूर : 10.50 लाख रुपये
फुलवरिया, गोपालगंज : 10 कट्ठा 17 धूर : 2.5 लाख रुपये
फुलवरिया, गोपालगंज :18 कट्ठा, 10.5 धूर : आधा शेयर, 2.75 लाख रुपये
विशुनपुरा, गोपालगंज : 3 कट्ठा : आधा शेयर 62.5 हजार
सेलारकेला, गोपालगंज : 5 कट्ठा : आधा शेयर, 90 हजार
गैर कृषि भूमि :
सगुना दानापुर : 3402 वर्ग फुट : 8.50 लाख
धनौत, दानापुर : 8 कट्ठा, 15 धूर : 20 लाख
बिल्डिंग
चितकोहरा, पटना : 3 कट्ठा जमीन और भवन : 24 लाख, आधा शेयर
हैयापुर, गोपालगंज : 3 कट्ठा और भवन, आधा शेयर : 12.50 लाख
कॉमर्शियल बिल्डिंग
चितकोहरा, पटना, 3 कट्ठा जमीन और भवन : आधा शेयर, 24 लाख रुपये
अपार्टमेंट
हैयापुर, गोपालगंज, 3 कट्ठा, 2.5 धूर जमीन : 12.50 लाख आधा शेयर
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