पटना : फोर्ड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 48 साल की एक महिला की जटिल सर्जरी कर उसके गर्भाशय से 3 किलो का फाइब्रॉयड निकाला. गया जिले के नगरियावां, खिजासराय की रहने वाली 48 वर्षीय सुनीता देवी (बदला हुआ नाम) पिछले 3-4 साल से पेट दर्द, भारीपन, और माहवारी में अनियमितता जैसी समस्याओं से परेशान थी. कुछ वर्ष पहले कराए गए अल्ट्रासाउंड में छोटा सा फाइब्रॉयड पाया गया था, लेकिन मरीज ने इसे सामान्य मानकर इलाज नहीं कराया.
जांच में मिला 3 किलो का फाइब्रॉयड
धीरे-धीरे यह गांठ बढ़ती चली गई और हाल के महीनों में पेट का आकार असामान्य रूप से बड़ा हो गया, जिससे उन्हें लगा कि वजन बढ़ रहा है. जब स्थिति बिगड़ी तो वह फोर्ड हॉस्पिटल, पटना पहुंचीं. डॉक्टरों ने जांच में विशाल गांठ के पता चलने के बाद तत्काल सर्जरी का निर्णय लिया. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. जागृति भारद्वाज और डॉ.अनीता सिंह ने वरिष्ठ सर्जन डॉ. संतोष कुमार, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रभात रंजन की टीम के सहयोग से गांठ को सफलतापूर्वक निकाला. ऑपरेशन के बाद उन्हें ICU में रखा गया, जहां उनकी स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हुई. अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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यह केस बेहद चुनौतीपूर्ण था: डॉ. जागृति भारद्वाज
सर्जरी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा था और मरीज का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव होने के कारण ब्लड मिलना भी मुश्किल हो गया. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने त्वरित समन्वय से बिहार के विभिन्न ब्लड बैंकों से ब्लड मंगवाया. डॉ. जागृति भारद्वाज ने बताया, “यह केस बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि फाइब्रॉयड का आकार बहुत बड़ा था और आंत से जुड़ा हुआ था. समय पर निर्णय और टीमवर्क से हम मरीज की जान बचाने में सफल रहे.” उन्होंने महिलाओं से अपील की कि यदि माहवारी में बदलाव, पेट दर्द या सूजन जैसी समस्या हो तो तुरंत जांच करवाएं ताकि समस्या गंभीर रूप न ले.

