विशाल कुमार, नवादा
कोविड-19 संक्रमण काल की महामारी ने लोगों को फिट रहने के लिए भी प्रेरित किया है. कोरोना काल के बाद स्पोर्ट्स साइकिल की बिक्री बढ़ी है. जिले की सड़कों पर गुजरने वाले साइकिल सवारों की संख्या को बढ़ी है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अब कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल की सवारी पसंद कर रहे हैं. फिजिकल फिटनेस बनाये रखने के साथ ही पॉकेट को भी साइकिल की सवारी रास आ रही है. साइकिल स्टोर मालिकों का कहना है कि अब सामान्य साइकिल के स्थान पर मॉर्निंग वॉक जाने या अन्य फैशन वाले साइकिल की डिमांड बढ़ी है.फिजिकल फिटनेस बनाने में कर रहे उपयोग
मॉर्निंग वॉक और अन्य एक्सरसाइज के समय लोग स्पोर्ट्स साइकिल चलाना पसंद कर रहे हैं. शहर के कई गणमान्य व्यवसायी भी फिटनेस के लिए साइकिल की सवारी कर रहे हैं. इस समय फिटनेस पर ध्यान देने के लिए मीलों तक साइकिल ट्रिप कर रहे हैं. स्थानीय मदन साइकिल स्टोर के संचालक ने बताया कि शहर के कई नामी व्यवसायियों, अधिकारियों और फिट रहने के इच्छुक लोगों के द्वारा स्पोर्ट्स साइकिल खरीदे जा रहे हैं. महंगे साइकिल की डिमांड भी हो रही है. स्पोर्ट्स साइकिलें खरीदकर रोजाना सुबह व शाम साइकिल ट्रैकिंग कर लोग फिट बन रहे हैं. लोगों में दोबारा 90 के दशक वाला साइकिल के प्रति क्रेज देखने को मिल रहा है. ऑनलाइन भी साइकिल की बुकिंग करके मंगायी जा रही है.अलग डिजाइन और स्टाइल में मिल रही हैं साइकिलेंलोगों ने फिट रहने और साइकिल ट्रैकिंग करने के लिए शौकर, गेयर, डिस्क ब्रेक वाली महंगी साइकिलों की डिमांड कर रहे हैं. दुकानदारों की मानेंए तो लोग अब अपनी पसंद की साइकिल के लिए अधिक कीमत देने को भी तैयार दिख रहे हैं. इन दिनों जीम में भी सुबह के व्यायाम में लोग साइकिलिंग पसंद कर रहे हैं.बच्चों में बढ़ा है साइकिल का क्रेज
3 से 13 साल तक के बच्चों को साइकिल की सवारी अब खूब पसंद आ रही है. साइकिल व्यवसाय से जुड़े दुकानदारों का कहना है कि पिछले पांच-छह सालों की बात करें तो बच्चों के साइकिल बिक्री लगभग 10 गुना बढ़ा है. कुछ साल पहले तक महीने में 30 से 40 बच्चों वाली साइकिल बिकती थी, फिलहाल बच्चों के साइकिल की बिक्री प्रतिमाह जिला में लगभग 300 से 400 हो रही है.डिमांड के साथ बढ़े इसके दाम भीकच्चे माल की बढ़ रही कीमतों से साइकिल के रेट्स बढ़ रहे हैं. फैंसी साइकिलों की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. साइकिल बनाने में इस्तेमाल होने वाले लोहे, प्लास्टिक आदि के कच्चा माल की कीमत बढ़ी है, नतीजा है कि साइकिल की कीमत भी बढ़ी है.स्कूली बच्चियां पहुंच रहीं साइकिल से
सरकारी स्कूलों में बेटियों को दिये जाने वाले साइकिल योजना का लाभ इन्हे नयी गति दे रहा है. एडमिशन लेने वाली बेटियों को साइकिल योजना के तहत साइकिल खरिदने के लिए रुपये दिये जा रहे हैं. जिला के कई स्कूलों में बेटियां साइकिल से स्कूल पढाई के लिए पहुंच रही है.क्या कहते हैं व्यवसायीछोटे बच्चों में साइकिल और स्पोर्ट्स साइकिल की डिमांड बढ़ी है. हेल्थ कॉन्शियस होने के कारण साइकिल चलाना छोड़ चुके लोग भी अब साइकिल की खरीदारी कर इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. पहले बच्चे 10 से 12 साल की उम्र होने के बाद साइकिल खरीदने के लिए आते थे, पिछले कुछ सालों से अब 3 से 13 साल की उम्र वाले बच्चों के लिए साइकिल की डिमांड सबसे अधिक हुई है.
अशोक कुमार गुप्ता, संचालक, मदन साइकिल स्टोरसाइकिल की कीमत बढ़ी है. जिला में अब लोग महंगे स्पोर्ट्स साइकिल की डिमांड कर रहे हैं. ग्राहकों की पसंद को देखते हुए सुविधा युक्त साइकिल का शोरूम तैयार किये हैं, जहां 30 से 50 हजार रुपये की रेंज वाले इलेक्ट्रिक साइकिल भी उपलब्ध है. फिटनेस के लिए लोग अब आसानी से 10 से 15000 हजार रुपये वाली साइकिल की खरीदारी फिलहाल कर रहे हैं.अजय कुमार गुप्ता, संचालक, कलकत्ता साइकिल स्टोरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है