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विधिपूर्वक हुई माता के बेलभरनी की पूजा, श्रद्धालु रहे शामिल

Nawada news. बेलभरनी माता को लाने के लिए पूजा समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत कुमार सिन्हा, संतोष कुमार बबलू, अजीत भारती सहित कई महिलाएं धमौल थाने के भोजपुर टोला स्थित लखी बगीचा बाजे-गाजे के साथ पहुंचे और स्थानीय परंपरा के अनुसार पुजारी बेल भरनी माता को लाने के लिए पूजा-अर्चना की.

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आज दर्शन के लिए खुलेगा माता का पट फोटोकैप्शन- पकरीबरावां के धमौल में बेल भरनी माता को ले जाते यजमान प्रतिनिधि, पकरीबरावां प्रखंड के धमौल बाजार में शुक्रवार को बेलभरनी माता को दुर्गा मंदिर में लाया गया. बेलभरनी माता को लाने के लिए पूजा समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत कुमार सिन्हा, संतोष कुमार बबलू, अजीत भारती सहित कई महिलाएं धमौल थाने के भोजपुर टोला स्थित लखी बगीचा बाजे-गाजे के साथ पहुंचे और स्थानीय परंपरा के अनुसार पुजारी बेल भरनी माता को लाने के लिए पूजा-अर्चना की. पुजारी श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि बेल भरनी माता को लाने के लिए नवरात्र के छठे दिन ही अहले सुबह बेल वृक्ष को निमंत्रण दिया गया और सप्तमी को शाम में माता को मंदिर लाकर पूजा अर्चना की. पुजारी श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि नवरात्र में बेल पूजन का अलग ही महत्व होता है. बेल भरनी माता का निर्माण बेल, धान की बाली, अनार व केला पत्ता से किया जाता है. इनकी पूजा से सुख व समृद्ध प्राप्त होती है. पुजारी ने यह भी बताया कि कालरात्रि नवरात्र की सप्तमी शक्ति है. हरिप्रिया नारायणी जीवन की शांति है तो कालरात्रि जी के अंतिम चल की शक्ति है. हर व्यक्ति अपने उम्र पूरा करके मृत्यु को प्राप्त होता है. कालरात्रि की उपासना के समय मां काली की अर्चना होती है. दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि संध्या आरती के बाद पहली पूजा से माता के भोग के अनुसार प्रसाद का वितरण किया जाता है.

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