अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल, जिसे कागजों पर ट्राॅमा सेंटर बनाकर चलाया जा रहा है. इसमें आधारभूत सुविधाओं की घोर कमी है. अस्पताल में नियमित साफ-सफाई का आभाव, सीसीटीवी के संचालन में अनियमितता, पीकू बंद, एनआरसी में अनियमितता, पेयजल समस्या, शौचालय की समस्या, शाम को पांच बजे के बाद मरीजों का एक्स-रे नहीं किया जाना आदि की समस्या आम बात है. इस कारणवश अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मुख्यालय समेत आसपास में बढ़ते तापमान के कारण भीषण गर्मी ने लोगों के सामान्य जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं, सरकार के निर्देश पर अस्पताल में पहले मंजिल पर लू-वार्ड बनाया गया है. इस लू-वार्ड में कुल 7 बेड लगाये गये हैं. लू-वार्ड में लगा एसी खराब हुआ है. खिड़की के शीशे भी टूटे हुए हैं. खिड़की के शीशे टूटे रहने से कमरे के बाहर चल रही गर्म हवाएं आसानी से अंदर प्रवेश कर रही है. अस्पताल में बनाया गया लू-वार्ड मरीजों को राहत दिलाने के लिए कम, मरीजों का मजाक उड़ाने के ज्यादा प्रतीत हो रहा है. ऐसे में कैसे अस्पताल प्रबंधन लू से पीड़ित मरीजों को राहत दिला पाएंगे, यह सवाल आम जनमानस द्वारा उठाया जा रहा है. इस बाबत प्रभारी डीएस डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश के आलोक में अस्पताल में 10 बेड का लू-वार्ड बनाया गया है. वहीं अस्पताल में 91 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है. साथ ही कहा कि अबतक लू से पीड़ित एक भी मरीज अस्पताल नहीं आये हैं.
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