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अस्तित्व खो रहे दो आहर-पइन का होगा जीर्णोद्धार

पहल़ हर खेत को पानी पहुंचाने की कवायद तेज

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मेसकौर. प्रखंड में लघु सिचाई योजना से हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए दो आहर-पइनों का जीर्णोद्धार किया जायेगा. अस्तित्व खो रहे इन आहरों की उड़ाही होने से प्रखंड की मेसकौर, बीजूबीघा, अंकरी, रसलपुरा पंचायत के दर्जनों गांवों में खेतों की सिंचाई आसान हो पायेगी. आहर उड़ाही के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है. टेंडर जिले के ही एकलव्य कांस्ट्रक्शन को मिला है. बताते चले की करीब 15 साल के इंतजार के बाद तीन किलोमीटर लंबी पथरा, बीजूबीघा आहर, पइन व पांच किलोमीटर लंबी रसलपुरा आहर-पाइन का जीर्णोंद्धार शुरू हो गया है. इसका उद्गम स्थल तिलैया नदी से है. पथरा गांव से मेढ़कुरी होते बीजूबीघा आहर तक इस पइन की खुदाई चल रही है. पौने दो करोड़ रुपये की लागत से बीजूबिगहा आहर-पइन सिंचाई योजना का काम चल रहा है. जबकि एक करोड़ 78 लाख रुपये से रसलपुरा उल्टेन आहर, पाइन योजना का जीर्णोद्धार भी शुरू कर दिया गया है. इस दौरान जगह-जगह अतिक्रमण रहने से पइन की खुदाई में दिक्कत आ रही है. हालांकि, इसके लिए किसान व पंचायत के लोग सक्रिय हैं. प्राइवेट अमीन के सहयोग से पइन की वास्तविक चौड़ाई का पता लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस पइन के अतिक्रमण को लेकर लघु सिंचाई विभाग नवादा के कार्यपालक अभियंता को कई बार लिखित आवेदन भी दिया गया था. मगर, आज तक पथरा, बीजूबीघा आहर, पइन की जीर्णोद्धार नहीं कराया गया है. बता दें कि मेसकौर प्रखंड की जीवनरेखा तिलैया नदी की उपशाखा इस आहर, पइन की उड़ाही करीब 15 साल से अधिक समय से नहीं हुई थी. इसके कारण बरसात में बीजूबीघा, मेढकुरी, पथरा एवं मेसकौर, रसलपुरा, अंकरी आहर तक तिलैया नदी का उपजाऊ पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति में हजारों एकड़ भूमि में खेती-बाड़ी करने के लिए किसानों को सिंचाई को लेकर परेशानी हो रही है. किसान हुए हैं सक्रिय मेसकौर निवासी किसान नरेश यादव ने बताया कि पानी के अभाव में हजारों एकड़ जमीन पर रबी फसलें नहीं लग पाती हैं. जीर्णोद्धार के बाद इसका उपयोग किसान सलोभर तक कर सकते है. स्थानीय लोगों की ओर से पइन में कचरा डालने और अतिक्रमण कर लेने से पइन पूरी तरह अनुपयोगी साबित हो रही थी. बरसात में पाइन में आने वाला तिलैया नदी का पानी पथरा गांव से आगे नहीं बढ़ पाता है. इस गंभीर समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि भी सक्रिय नहीं हुए. इससे परेशान ग्रामीणों और किसानों ने खुद अपनी पैरवी शुरू की. अखबारों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया गया. लघु सिंचाई विभाग से यह काम शुरू किया गया है. कहते हैं अधिकारी मेसकौर प्रखंड में करोड़ो रुपये की लागत से दो आहर/पइन का जीर्णोद्धार शुरू हो रहा है. प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति मिल गयी है. टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. जीर्णोद्धार के बाद किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. पंकज कुमार, बीडीओ, मेसकौर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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