– विशाल कुमार –
हरिश्चंद्र स्टेडियम में नहीं हो रही सुधार की कोई कोशिश
नवादा : मैदानों की बदहाल स्थिति के कारण खेल प्रतिभाएं अपना दम तोड़ रही है. जिला मुख्यालय स्थित हरिश्चंद्र स्टेडियम में कुव्यवस्था के कारण पशुओं का बसेरा बन गया है. जिले के खिलाड़ी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. लेकिन, खिलाड़ियों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है. हरिश्चंद्र स्टेडियम अपनी दुर्दशा पर रोने को मजबूर है. लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी स्टेडियम किसी भी खेल के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है.
प्रशासन की आय बढ़ाने का है साधन : स्टेडियम को डिजनीलैंड मेला, सर्कस, सरकारी मेला, विभिन्न संगठनों के कार्यक्रम आदि के लिए भाड़े पर भी दिया जाता है. इससे सरकार को आमदनी होती है. लेकिन, स्टेडियम को व्यवस्थित करने के प्रति प्रशासन उदासीन है.
संसाधनों की कमी : स्टेडियम में खेल संसाधन है ही नहीं. हैंडबॉल टीम के सदस्यों द्वारा हैंडबॉल पोल लगाया गया है. इसके अलावा अन्य खेलों के संवर्धन व विकास के लिए कोई भी सरकारी या एसोसिएशन की मदद नहीं मिलती है. खिलाड़ी अपने खर्च पर किसी तरह से खेल को जिंदा रखे हुए हैं.
गुरुओं की भी है कमी : जिले में मुख्य रूप से हैंडबॉल के खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में विजयी रहे हैं. बैडमिंटन में भी यहां के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं.
एथलेटिक्स में प्रेम कुंज जैसे खिलाड़ी राष्ट्रीय फलक पर परचम लहराने में सफल हुए हैं. परंतु, सही प्रशिक्षक के अभाव में नयी खेल प्रतिभाएं सामने नहीं आ रही है. विभिन्न स्कूलों में कुछ खेल शिक्षक जरूर सक्रिय हैं, जिनके कारण कुछ आशा की किरण दिखती है. लेकिन, हरिश्चंद्र स्टेडियम में खेल शिक्षक की कमी खलती है, जो विभिन्न खेलों की प्रतिभाओं को निखाऱे बन रहा प्रशासनिक भवन : स्टेडियम को सुधारने की कवायद में प्रशासन की कुछ कोशिश दिख रही है.
स्टेडियम के दक्षिण-पश्चिम किनारे में प्रशासनिक भवन बन रहा है, जिसे गैलरी के रूप में भी इस्तेमाल किया जायेगा. डीएम ललन जी ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में आश्वासन दिया है कि गैलरी का निर्माण कर मैदान को स्तरीय बनाया जायेगा. सदर एसडीओ राजेश कुमार भी खेलों के प्रति रुचि रखते हैं. इससे खिलाड़ियों में आशा बंधी है.