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रोकें… सावधान ! ये दूध नहीं जहर

रोकें… सावधान ! ये दूध नहीं जहर मिलावटी दूध पीने से हो सकती है कई बीमारियांजांच के नाम पर विभाग कर रहा खानापूर्तिप्रतिनिधि, पकरीबरावां दूध पीना स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक है. चिकित्सक भी स्वस्थ रहने के लिए कई दवाएं दूध के साथ लेने की सलाह देते हैं. नवजात शिशुओं को भी मां का दूध […]

रोकें… सावधान ! ये दूध नहीं जहर मिलावटी दूध पीने से हो सकती है कई बीमारियांजांच के नाम पर विभाग कर रहा खानापूर्तिप्रतिनिधि, पकरीबरावां दूध पीना स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक है. चिकित्सक भी स्वस्थ रहने के लिए कई दवाएं दूध के साथ लेने की सलाह देते हैं. नवजात शिशुओं को भी मां का दूध ही पिलाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, मांग के अनुसार दूध की अापूर्ति नहीं हो पाती है. दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है. हालांकि, इन सब प्रयास के बाद भी मांग को पूरा करने में दिक्कत हो रही है. मांग को पूरा करने के लिए दूध में मिलावट किया जा रहा है. विभागीय स्तर पर भी मिलावटकरने वालों की धड़-पकड़ करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. यह सफेद जहर के रूप में लोगों के बीच परोसा जा रहा है. सोडा से लेकर बेरिका एसिड तक होती है मिलावट- दुध से क्रिम निकलान या दुध में पानी मिलाना तो आम बात है पंरतु दुध का खेल खेलने वाले लोग दुध को फटने से बचाने और थोड़ी देर तक दुध को खाराब हो से बचाने के लिए लोग सोडा से लेकर बेरिका एसिड तक मिला जाता है । दुध देर तक खराब न हो इसके लिए सोडा मिलाया जाता है जबकि दुध फटे नहीं इसलिए इसमें बेरिका एसिड मिलाया जाता है । दुध में पानी मिलाने के बाद उसे गाढ़ करने को स्टार्च चीनी तथा क्रिम निकाले हुये दुध का पाउडर या चापाकल का पानी मिलाया जाता है ।प्रषासन स्तर पर नहीं जांच की व्यवास्था- प्रखड में दुध की मिलावट के जांच के लिए प्रषांसनिक स्तर पर कोई व्यवास्था नहीं की गई है यह अलग बात है कि प्रषांसनिक स्तर पर त्योहारो के मौके पर दुध से बने छेना या पनीर तथा मिठाईयो की जांच के लिए अभियान चलाया जाता है लेकिन इस अभियान का कोई कारगर परीणाम सामने नहीं आया है दुध में मिलावट को लेकर आज तक किसी पर कोई कारवाई नहीं हुयी ।खुद करें दुध के मिलावट की जांच – प्रषांसन तो दुध में मिलावट के जांच के प्रति उदासीन है ही ऐसे में सेहत अपनी है इसलिए फिक्र भी खुद होनी चाहिए । दुध में मिलावट की जांच के लिए निराला षिक्षण संस्थान के नेषनल स्कोलर षिप एवाडेड सह रसायन प्रतिष्ठान राजकुमार निराला बताते है कि दुध में मिलावट की जांच बस थोडी पहलकर खुद कर सकते है ।मिलावट – सोडा ।जांच – तीन मिली दुध में रोजालिक अम्ल की पांच बुंदे मिलाये अगर दुध का रंग गुलाबी लाल हो जाय तो इसमें सोडा मिला हुआ है ।मिलावट- आटा या मैदा ।जांच – पांच मिली दुध में तीन प्रतिषत आयोडीन की पांच बुंदे मिलाये यदि घोल का रंग बैगनी हो जांय तो स्टार्च मैदा या आटा मिला हुआ है ।मिलावट -चीनी ।जांच – तीन मिली दुध और एक मिली हइड्रोक्लोरिक आम्ल तथा 0़1 ग्राम रेजोरसिलोल को एक परखनली में पॉच मिनट तक उबलते पानी में रखी यदि घोल का रंग लाल हो जाय तो दुध में चीनी की मिलावट है।मिलावट- गंदा पानी व नाइट्रेट ।जांच- पांच मिली दुध तथा दस मिली सल्फुरिक अम्ल तथा कुछ बुंदे दो प्रतिषत डाइफेनायलअमीन कोक एक परखनली में लेकर मिलाये यदि घोल का रंग बैगनी हो जाय तो इसमें गंदा पानी व नाइट्रेट का मिलावट है।मिलावट- युरिया ।जांच – 5 मिली दुध और 5 मिली 16 प्रतिषत पारा डाइमिथाइल अमीनो बंेजलडिहाइड को मिलाये यादि घोल का रंग गहरा पीला हो जायं तो दुध में युरिया मिला हुआ है। क्या कहते है चिकित्सक – पकरीबरावंा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डा ंबी दयाल की माने तो दुध में मिलाबट सेहद को काफी नुकसान पहुचाता है । मिलाबटी दुध या कृत्रिम दुध के सेवन से लिवर और आत पर सीधा असर तो पड़ता ही है इससे दिल की खराबी फेफडे में सुजन, दमा , हाथ व पैर का सुचन जैसी बिमारिया होती है दुध में सोडा या युरिया जैसे बिषैले पदार्थ मिलाये जाने से कैंसर जैसे घातक बिमारिया भी हो सकती है

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