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नियमों की अनदेखी कर सिलिंडरों का हो रहा व्यावसायिक उपयोग

रजौली : मुख्यालय में सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाये गये नियमों को दरकिनार कर रजौली शहर में घरेलू गैस का व्यावसायिक उपयोग सरेआम किया जा रहा है. इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.शहर के किसी भी मिठाई दुकान के साथ छोटे […]

रजौली : मुख्यालय में सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाये गये नियमों को दरकिनार कर रजौली शहर में घरेलू गैस का व्यावसायिक उपयोग सरेआम किया जा रहा है. इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.शहर के किसी भी मिठाई दुकान के साथ छोटे मंजिलें दुकानों में इस तरह का तमाशा देखा जा सकता है.

बगैर किसी भय के लोगों द्वारा व्यावसायिक उपयोग किये जाने संबंधी जानकारी आम उपभोक्ताओं द्वारा अधिकारियों को दी जाती है. इसका कोई असर नहीं होता है. रजौली शहरी व ग्रामीण इलाकों में इंडियन व एचपी गैस का एजेंसी संचालन किया जा रहा है.
इन्हीं एजेंसियों के जरिये व्यवसाय करने वाले लोग घरेलू गैस का प्राप्त करते हैं. व्यावसाई गैस सिलिंडर की कीमत 12 से14 सौ के बीच है.
लेकिन, घर में प्रयोग किये जाने वाले घरेलू गैस सिलेंडर काला बाजार में 8 सौ से 9 सौ रुपये तक है. मिठाई दुकानदार पैसा बचाने के लिए व्यावसायिक सिलिंडर के बदले घरेलू गैस सिलिंडरों का उपयोग करते हैं.
इन दुकानदारों पर पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी की नजर पड़ती है.इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.रसोई गैस की कालाबाजारी व रिफिलिंग का अवैध कारोबार एजेंसी प्रबंधकों व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है.
उपभोक्ताओं का हक काट कर होती है कालाबाजारी : नियमों के मुताबिक हर वर्ष आम उपभोक्ता को सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर मिलते हैं. लेकिन, तमाम उपभोक्ता पूरे साल में 12 गैस सिलेंडर खरीद नहीं पाते गैस सिलेंडर उपभोक्ता नहीं उठाते,उनकी कालाबाजारी की जाती है.
पांच किलोग्राम के सिलिंडर में गैस भरवाने का दुकानदार पांच सौ रुपया लेते हैं. यह दुकानदार बड़े घरेलू गैस सिलिंडरों को ब्लैक में साढे सात से आठ सौ तक में खरीदते हैं. छोटे सिलिंडरों में रिफिलिंग करनेवाले दुकानदार एक बड़े सिलिंडर से सात सौ तक का मुनाफा कमाते हैं.
मिठाई दुकानों की जांच करने से परहेज करते हैं अधिकारी
मिठाई दुकानों में सफाई की बात हो या फिर खाद सामग्री की जांच यह कहीं भी देखने को नहीं मिलता है. इसकी वजह से होटल संचालकों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलिंडरों का उपयोग किया जाता है.
विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही मिठाई दुकानदारों व व्यावसायिक सिलिंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं. मिठाई दुकानदारों में घरेलू गैस का उपयोग होने से होटल मालिक मजे में है. उपभोक्ता परेशान हैं.
मिठाई दुकानों में घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हैं. मिठाई दुकानों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर नहीं मिल पा रहा है. गैस टंकियों के लिए उन्हें बार-बार भटकना पड़ता है.
अवैध हैं छोटे साइज के सिलिंडर
मालूम हो कि खुले बाजार में बिकनेवाले छोटे साइज के लिए एलपीजी सिलेंडर पूरी तरह अवैध है. ऐसी सिलिंडरों का इस्तेमाल एलपीजी की रिफिलिंग के लिए नहीं किया जा सकता है. ऐसा करनेवालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है.
मालूम हो कि उपभोक्ताओं को नंबर लगाने के बाद गैस के लिए 15 से 20 दिन इंतजार करना पड़ता है.इसके बाद सिलिंडर मिल पाता है. इस संबंध में एसडीएम चंद्रशेखर आजाद से बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि घरेलू गैस का व्यावसायिक कार्य में इस्तेमाल होना काफी गलत है.
नये नियमानुसार यह सब गैस एजेंसी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. यह आम उपभोक्ताओं के साथ हकमारी है. शीघ्र ही अभियान चलाकर इस पर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्रवाई भी की जायेगी.

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