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रेलवे फाटक पार करते समय नहीं बरतें लापरवाही, सावधानी में ही है बचाव

नवादा नगर : किऊल-गया रेलखंड पर आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाना जरूरी है. पूर्व मध्य रेल अंतर्गत दानापुर मंडल के किऊल-गया रेलखंड पर गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय समपार फाटक दिवस कार्यक्रम मनाया गया. कार्यक्रम के माध्यम से रेलवे द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव […]

नवादा नगर : किऊल-गया रेलखंड पर आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाना जरूरी है. पूर्व मध्य रेल अंतर्गत दानापुर मंडल के किऊल-गया रेलखंड पर गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय समपार फाटक दिवस कार्यक्रम मनाया गया. कार्यक्रम के माध्यम से रेलवे द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के तरीके बताये गये. रेलवे फाटक को पार करते समय दोनों तरफ से आने वाली गाड़ियों को देखने के बाद ही क्रासिंग पार करना चाहिए. खासकर मानवरहित रेलवे फाटक पार करने के समय विशेष ध्यान देने की जरूरत है. किऊल गया रेलखंड में कई स्थानों पर अवैध रूप से क्रासिंग बना लिया गया है जो अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं.

दानापुर मंडल के निर्देश पर चला जागरूकता कार्यक्रम: रेलखंड पर दानापुर मंडल के निर्देश पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. किऊल गया रेलखंड में कुल 8 मानव रहित समपार फाटक है. सभी फाटको पर रेलवे के अधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों को जागरूक किया गया. जानकारी देते हुए यातायात निरीक्षक अवधेश कुमार सुमन ने बताया कि रेलखंड में लक्खिसराय आउटर सिग्नल से मानपुर आउटर सिग्नल की लम्बाई 125 किलोमीटर है. इसमें कुल 8 मानव रहित समपार फाटक है. इसके अलावे कई अन्य गांवों में भी रेलवे पटरी को पार करने वाली अवैध सड़क बना लिया गया है.
सभी आठों मानवरहित फाटक पर किया गया कार्यक्रम: अंतरराष्ट्रीय समपार फाटक दिवस पर मानव रहित रेलवे क्रासिंग के पास जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है. सभी फाटक पर जागरूकता कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को ड्युटी पर लगाया गया था. गारो बिगहा रेलवे मानव रहित फाटक के पास यातायात निरीक्षक अवधेश कुमार सुमन ने जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर लोगों को देखकर पटरी पार करने की सलाह दिया.
सजा व जुर्माना का है प्रावधान
रेलवे क्रासिंग के नियमों का सही से पालन जरूरी है. यदि इसमें कोताही बरती जाती है तो एक हजार का जुर्माना या कैद का भी प्रावधान है. हालांकि लोगों को खुद अपनी जिंदगी की चिंता करने की जरूरत है. शहरी क्षेत्रों में कुछ मिनट के फाटक बंदी के समय लोग गेट के नीचे या बगल से पटरी पार करते हैं यह भी खातरनाक साबित हो सकता है. जिला में पिछले दिनों समपार करते समय घटनायें हो चुकी है.
जाम लगने से होती है परेशानी
रेलवे फाटक के पास लगने वाले जाम भी कई बार दुर्घटना के कारण बनते हैं. मानव रहित रेलवे फाटक के पास किसी कर्मी के नहीं रहने के कारण लोग भूलवस दुर्घटना के शिकार होते हैं. लेकिन कई बार देखने में आता है कि बंद फाटक के बावजूद लोग गेट के नीचे या अगल-बगल से अपनी गाड़ी को निकालते दिख जाते हैं. जुर्माना या सजा का प्रावधान होने के बाद भी लोगों में यदि खुद की सोंच नहीं बनती है तो इस समस्या से निपटना ज्यादा मुश्किल होगी.
नयी टेक्नोलॉजी का मिले लाभ
समपार फाटक पर होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिए नई तकनीकों को बढ़ावा देने की जरूरत है. जिला के जुम्मन मिस्त्री द्वारा नये तकनीक का ईजाद किया गया है. अपनेआप फाटक बंद होने की इस तकनीक को दो से तीन बार रेल विभाग के अधिकारियों ने देखा है लेकिन जिला के जुम्मन मियां की तकनीक का लाभ नहीं लिया जा रहा है. खुद से गेट बंद होने तथा गाड़ी पार होने के बाद खुद से गेट खुल जाने की तकनीक से हद दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.

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