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पइन की मरम्मत नहीं होने से किसानों की समस्या बढ़ी

नाटी नदी से बालू की निकासी हो जाने से पइन में नहीं चढ़ रहा पानी सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर खेतीबाड़ी बारिश के पानी पर निर्भर धमौल : धमौल कृषि प्रधान क्षेत्र है. इसके अलावा यह व्यापारिक दृष्टिकोण से भी उन्नत है. बावजूद आज किसानों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है. यहां के किसानों […]

नाटी नदी से बालू की निकासी हो जाने से पइन में नहीं चढ़ रहा पानी

सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर खेतीबाड़ी बारिश के पानी पर निर्भर
धमौल : धमौल कृषि प्रधान क्षेत्र है. इसके अलावा यह व्यापारिक दृष्टिकोण से भी उन्नत है. बावजूद आज किसानों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है. यहां के किसानों को पूरी तरह से बारिश के पानी पर आश्रित रहना पड़ता है. यहां नहर, पाइन सहित सिंचाई के अन्य कई वैकल्पिक व्यवस्थाएं उतनी कारगर नहीं हैं. कई ऐसे पइन हैं, जिसका सही ढंग से जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है. इसके कारण यह बेकार साबित हो रहे हैं. इसके अलावे कई पइन अतिक्रमणकारियों की चपेट में है. इससे किसानों को सिंचाई के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में नमी लाने के लिए किसान को पंपिंग सेट का उपयोग किया जाता है.ऐसी स्थिति में खेती में लागत ज्यादा आ जाती है और उसके अनुरूप किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है. धमौल के रेहड़ी, रेवार
श्यामदेव होरिलखप, तुर्कवन गांव के किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. किसान सुनील यादव, रामचंद्र यादव, मनीष यादव व सुरेश यादव ने बताया कि इस क्षेत्र में कृषि योग्य उपजाऊ भूमि है. बावजूद किसानों को खेती से पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. किसान पूरी तरह से वर्षा पर आधारित हैं. वर्षा हुई तो सिंचाई हुई, वरना उनके समक्ष एक कड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है. सिंचाई के लिए ऐसे तो कई पइन हैं, पर सही तरीके से निर्माण नहीं होने के कारण क्षेत्र के किसान सिंचाई की समस्या से जूझ रहे हैं. नौरंगा पइन, जिससे कभी बड़े पैमाने पर सिंचाई का लाभ मिला करता था, फिलहाल मृतप्राय है. किसानों की मानें, तो धमौल रेहड़ी, श्यामदेव तुर्कवन गांव की सैकड़ों एकड़ भूमि की सिंचाई इसी प्वाइंट से होती थी. किसान बताते हैं कि नाटी नदी से बालू की निकासी हो जाने से पइन में पानी का चढ़ाव नहीं हो पाता है. इससे खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती है. ग्रामीणों की मानें, तो नाटी नदी के चौराहा स्थान के पास पइन की जरूरत है. लगभग एक साल पूर्व किसानों ने आपसी चंदे से इस पइन की सफाई व मरम्मत का काम किया था. फिलहाल में यह बेकार सिद्ध हो रहा है. यदि विभाग इस पइन को साफ-सफाई करा कर मरम्मत कराये,
क्या कहते हैं लोग
धमौल कृषि प्रधान क्षेत्र है. नवादा जिला सहित पड़ोसी जिले के लोग भी यहां कृषि संबंधी पटवन के लिए आते हैं. बावजूद विभाग उदासीन है.
गजाधर प्रसाद यादव, पूर्व उप प्रमुख
नाटी नदी धमौल के लिए वरदान है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण नदी का पानी नहर में नहीं आता है. इसके कारण सिंचाई की समस्या बनी हुई है.
सुनील यादव,धमौल
विभाग यदि पहल करे, तो नाटी नदी का किसानों के लिए उपयोगी सिद्ध हो जाये, लेकिन विभाग इन समस्याओं को छोड़, दूसरे काम में संलिप्त है.
परमेश्वर प्रसाद यादव, पूर्व सरपंच
चौराहा थाने के पास पइन का होना अति आवश्यक है. यदि विभाग पहल करे तो किसानों की समस्या शीघ्र ही दूर हो जायेगी.
उपेंद्र यादव, श्यामदेव

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