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नवादा : पानी लेकर आएं शहर, वरना रह जायेंगे प्यासे

नवादा नगर : शहरी क्षेत्र में प्यासे लोगों के लिए ठेला खोमचा ही एक सहारा है़ सार्वजनिक स्थानों व विभिन्न सरकारी कार्यालयों के पास भी सरकारी चापाकल या वाटर पोस्ट नहीं हैं़ बाजारों में दुकानदारों ने जार का पानी खरीद कर प्यास बुझाना मजबूरी समझने लगे हैं़ यह सच भी है़ ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाले […]

नवादा नगर : शहरी क्षेत्र में प्यासे लोगों के लिए ठेला खोमचा ही एक सहारा है़ सार्वजनिक स्थानों व विभिन्न सरकारी कार्यालयों के पास भी सरकारी चापाकल या वाटर पोस्ट नहीं हैं़ बाजारों में दुकानदारों ने जार का पानी खरीद कर प्यास बुझाना मजबूरी समझने लगे हैं़ यह सच भी है़ ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाले लोग पानी के लिए भटकते दिखते हैं. बस स्टैंडों व रेलवे स्टेशन के पास भी पानी नहीं मिल पाता है. सबसे अधिक परेशानी सद्भावना चौक, पुरानी रजौली बस स्टैंड, हाट पर आदि बस पड़ावों के पास होती है. इन जगहों पर भीषण गर्मी में भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिलता है.
चापाकलों की नहीं होती मरम्मत वाटर पोस्ट भी बेकार : शहर के अधिकतर स्थानों पर निजी स्वार्थ के चलते चापाकल को खराब कर उस स्थान पर अवैध कब्जा कर दुकानें लगा ली गयी हैं़ प्रजातंत्र चौक, पार नवादा गया रोड आदि कई स्थान हैं, जहां पर चापाकल खराब हैं. सुबह में दुकान खोलने के समय दुकानदारों को साफ-सफाई व पूजा-पाठ के लिए दूर से पानी लाना पड़ता है. अधिकतर दुकानदार अपने यहां जारवाला पानी मंगवा कर काम चलाते है. कुछ लोग घर से पानी लेकर आते हैं. शहर में लगाये गये वाटर पोस्ट से समय के अनुसार पानी, तो आता है लेकिन शरारती तत्वों ने कुछ के नलके खराब कर दिये हैं, इससे कुछ स्थानों पर रोड पर ही पानी गिरता रहता है. पानी के निकासी की सुविधा नहीं होने से परेशानी होती हैं. तय समय पर आनेवाला पानी दिन भर सड़कों पर जमा रहता है.
सरकारी आंकड़ों में हर जगह पानी ही पानी
शहरी क्षेत्र में पीएचईडी के चापाकल व वाटर सप्लाई की सुविधा के अलावा नगर पर्षद द्वारा बनाये गये वाटर टावरों से भी सप्लाई शुरू की गयी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला मुख्यालय में पर्याप्त पेयजल साधन की उपलब्धता है लेकिन धरातल पर कहीं भी सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की अच्छी सुविधा नहीं है. अधिकतर स्थानों पर चापाकल ऐसे स्थानों पर छिपे रहते हैं कि आम आदमी पहुंच ही नहीं पाते हैं. खराब चापाकलों को बनाने में भी तत्परता कम दिखती है. प्रजातंत्र चौक के पास खराब चापाकल ठीक नहीं होने से विजय बाजार, मेन रोड आदि के दुकानदारों को समाहरणालय और अांबेडकर पार्क में बने चापाकल से पानी लेने के लिए जाना पड़ता था़ स्थानीय लोगों ने खुद से चंदा कर इस चापाकल को बनाया है.
खराब चापाकलों की सूचना दें, होगी मरम्मत
खराब चापाकलों को बनाया जा रहा है. पेयजल के सभी साधनों को ठीक किया गया है. कोई भी चापाकल खराब है, तो इसकी सूचना दी जा सकती है. विभागीय स्तर पर उसे बनवाने की व्यवस्था होगी.
बाहरी लोगों को ज्यादा होती है दिक्कत
ग्रामीण क्षेत्रों से कार्यालय या अन्य काम से जिला मुख्यालय आनेवाले महिलाओं, बच्चों व पुरुषों को अधिक परेशानी होती है. गर्मी में कहीं भी छायादार स्थान नहीं मिलता है. पानी पीने के लिए ठेला, खोमचा आदि ही सहारा है़ सत्तू, चना आदि के ठेले लगानेवालों के पास कई बार महिलाओं को बच्चों के लिए पानी देने का अनुरोध करते देखा जा सकता है.

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