सिपाही पद के लिए चुने जाने पर लड़के ने बढ़ायी मांग
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दहेज की ”तेज धार” में बह गये बेटी की शादी के सुनहरे सपने
सिपाही पद के लिए चुने जाने पर लड़के ने बढ़ायी मांग नारदीगंज : सूबे की सरकार ने दहेजबंदी व बाल विवाह के विरोध में जागरूकता अभियान चला रखी है़ दहेज लेना व देना दोनों को कानूनी अपराध की श्रेणी में है. बाल विवाह व दहेज प्रथा के विरोध में दो अक्तूबर 2017 को एक नया […]
नारदीगंज : सूबे की सरकार ने दहेजबंदी व बाल विवाह के विरोध में जागरूकता अभियान चला रखी है़ दहेज लेना व देना दोनों को कानूनी अपराध की श्रेणी में है. बाल विवाह व दहेज प्रथा के विरोध में दो अक्तूबर 2017 को एक नया कानून बना है. लेकिन, आज भी सरकार के फरमान को लोग नजर अंदाज कर रहे हैं. बिना दहेज लिए शादी नहीं हो पा रही है.दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर वधू पक्ष के घर में बरात नहीं पहुंच रही है. सारी तैयारियां धरी के धरी रह गयीं. सगे संबंधियों को निमंत्रण कार्ड भेज दिया गया था. डेकोरेशन से गांव व गलियों के साथ घर व मंडप सजी. शादी की पूरी व्यवस्था हो गयी. खाने-खिलाने का दौर चलता रहा.
बरात का इंतजार करते रात बीत गयी.लड़की के हाथों मे मेंहदी लगी. लड़की व उसके परिजनों की आंखे इंतजार करते पथरा गयीं,लेकिन लड़की के घर की दलहीज पर बरात नहीं पहुंची. अब लड़की व उसके भाई न्याय के लिए पुलिस प्रशासन के पास भटक रहे है.ं उनलोगों को अब सरकार व प्रशासन पर पूरा भरोसा है कि न्याय अवश्य मिलेगा.ऐसी ही एक घटना नारदीगंज प्रखंड के कहुआरा गांव में घटी. बीते 18 फरवरी 2018 को कहुआरा निवासी रामव्रत महतो की छोटी पुत्री सरिता कुमारी की शादी होनी थी. इस दिन उसके घर में बरात पहुंचनेवाली थी. लेकिन उनके घर बरात नहीं आयी. सब तैयारी धरी की धरी रह गयी.
इसके लिए मंडप सजी .शादी के लिए सारी व्यवस्था की गयी. लेकिन, बरात उनके घर नहीं आयी. ऐसा लड़का पक्ष की मांग पूरी नहीं होने पर हुआ. लड़का व उसके परिजन 10 लाख रुपये शादी करने के लिए दहेज की मांग की थी़ वधू पक्ष के लोगों ने उनकी मांगें पूरी नहीं की. दुल्हन सरिता कुमारी के पिता रामव्रत महतो व अन्य उनके परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी की शादी गया जिले के अतरी थाने के रिउला गांव के रामखेलावन महतो के पुत्र उपेंद्र कुमार के साथ होनी थी़ 18 फरवरी 2018 को बरात लेकर आना था.
इसके पूर्व 12 अक्तूबर को उनकी बेटी ने उस लड़के के साथ गया कोर्ट में लव मैरिज किया था. जानकारी मिलने पर दोनों पक्ष के लोग सहमत हो गये.इसी बीच चार लाख रुपये व तीन लाख के जेवरात दहेज की भी मांग उनलोगों ने की़ परिजनों ने अपनी बेटी की खुशी के लिए चार लाख रुपये नकद दे दिया था और बरात आने पर मंडप में जेवरात देने की बात कही गयी थी. यह जेवरात भी देने के लिए बना लिये गये थे. इसी बीच छह फरवरी 2018 को रिउला निवासी उपेंद्र कुमार का रिजल्ट बिहार सिपाही पद के लिए आ गया. नौकरी लगने की बात आते ही लड़का और उसके परिजनों ने दहेज की मांग बढा दी़ इसी बीच उनलोगों ने 10 लाख रुपये की मांग रखी. मांग पूरी नहीं होने पर बरात घर पर नहीं पहुंची. 20 फरवरी को न्याय के लिए नारदीगंज थाना में गया, तो वहां यह कह कर टाल दिया गया कि मामला अतरी थाने का है. बुधवार को उनकी बेटी न्याय के लिए अतरी थाना गयी. बता दें कि सरिता की बड़ी बहन की शादी उसी घर में उसके बडे भाई से 24 जून 2010 में हुई थी. इसी बीच 13 मई 2015 को दोनों बहन स्कूटी से अपने कहुआरा से नारदीगंज बाजार आ रही थी.इसी बीच सड़क हादसे में उसकी बड़ी बहन की मौत हो गयी थी और वह गंभीर रूप से जख्मी हुई थी. बहन का देवर होने के कारण दोनों की आंखें चार हो गयी थीं. दोनों प्रेम बंधन मे बंध गये थे.
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