विरोध. आइएमए व भासा के सदस्यों ने दिया धरना,एनएमसी व सीइए को वापस ले
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मांगों को ले सड़क पर उतरे डॉक्टर
विरोध. आइएमए व भासा के सदस्यों ने दिया धरना,एनएमसी व सीइए को वापस ले आइएमए परिसर में विरोध जताते चिकित्सक. आइएमए व भासा के लोगों ने एनएमसी व सीइए के विरोध में एकता के साथ सरकार से वापस लेने की जोरदार आवाज बुलंद की. धरने में वीम्स के छात्र व छात्राओं ने भी भाग लेकर […]
आइएमए परिसर में विरोध जताते चिकित्सक.
आइएमए व भासा के लोगों ने एनएमसी व सीइए के विरोध में एकता के साथ सरकार से वापस लेने की जोरदार आवाज बुलंद की. धरने में वीम्स के छात्र व छात्राओं ने भी भाग लेकर सफल बनाया.
बिहारशरीफ : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,बिहारशरीफ इकाई के चिकित्सकों व सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को सड़क पर उतरे. डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय आइएमए के परिसर में धरना दिया.धरने में शामिल आइएमए के चिकित्सकों व भासा के सदस्यों ने मांगों के समर्थन में अपनी आवाज को बुलंद की.आइएमए व भासा के लोगों ने एनएमसी व सीइए के विरोध में अपनी चट्टानी एकता के साथ सरकार से इसे वापस लेने की जोरदार आवाज बुलंद की.
इस धरने में वीम्स के छात्र व छात्राओं ने भी भाग लेकर इसे सफल बनाया.भासा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ज्ञानभूषण व आइएमए के जिला अध्यक्ष पीके चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार जनहित में एनएमसी व सीइए को अविलंब वापस ले.जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा आइएमए के लोग मांगों के समर्थन अपनी आवाज को बुलंद करते रहेंगे. यह चिकित्सक व जनविरोधी है.
उक्त अधिकारियों ने इस अविलंब वापस लेने की मांग की.धरना के बाद आइएमए के चिकित्सक,भासा के अलावा वीम्स के छात्रों ने बैनर के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए समाहरणालय पहुंचे. समाहरणालय पहुंचकर आइएमए के अध्यक्ष अपने शिष्टमंडलों के साथ डीएम से जाकर मिले. शिष्टमंडल ने मांगों से संबंधित ज्ञापन डीएम को सौंपा. इस धरने व सत्याग्रह के अवसर पर डॉ. शैलेन्द्र
नारायण,डॉ.मिथिलेश प्रसाद,डॉ.अशोक कुमार सिन्हा,डॉ.सुजीत कुमार,डॉ.अवधेश कुमार सिन्हा,डॉ.लक्ष्मण कुमार,डॉ.बालमुकुंद,डॉ.सियाशरण प्रसाद,डॉ.ममता रानी,डॉ.जवाहर समेत कई चिकित्सक व वीम्स के दर्जनों छात्र-छात्राएं आदि लोग शामिल थे.
शेखपुरा. केंद्र सरकार के द्वारा एनएमसी बिल समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर भाषा और आइएमए के आंदोलनकारियों ने आज सत्याग्रह के दौरान प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र आम लोगों के बीच वितरण किया. इस मौके पर आंदोलनकारी चिकित्सकों का जत्था सदर अस्पताल से पैदल मार्च कर समाहरणालय पहुंचे.
इस मौके पर सिविल सर्जन डाॅ मृगेन्द्र प्रसाद सिंह,डाॅ देवनंदन प्रसाद,डाॅ रामाश्रय प्रसाद,डाॅ अर्जुन प्रसाद,चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अशोक कुमार,डाॅ कृष्ण मुरारी प्रसाद,डाॅ जयराम पंडित,डाॅ सतीशचंद्र बोस, डाॅ रामजी तांती के अलावा बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे. सत्याग्रह का नेतृत्व कररहे आइएमए के सचिव डाॅ के पुरुषोत्तम ने बताया कि केंद्र सरकार ने कई ऐसे नीतियों को सहमती दे दी है. जिससे चिकित्सा जगत को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
इस व्यवस्था से आम लोगों को चिकित्सा लाभ से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आइएमए के बैनर तले चिकित्सा जगत पिछले कई दशकों से समाज में सोशल हितविधियों करता रहा है. चिकित्सा की जरूरतों को सरकारी ंौर गैर सरकारी व्यवस्था में सेवा भाव से लोगों को चिकित्सा लाभ दे रहे हैं. इसके बावजूद सरकार क्लिनिक बिल लाने में जुटी है.
उन्होंने साफ लहजे में खिलाफ की. चिकित्सक क्लिनिकल बिल माने को तैयार है, लेकिन पहले सरकारी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करें. इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनएमसी बिल में जिस प्रकार गैर चिकित्सा समुहों को लाने की कोशिश हो रही है. उससे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे समूह को हस्तक्षेप को कमजोर किया जा रहा है.
इस मौके पर सदर अस्पताल से चल कर खांडपर, कटराबाजार, चांदनी चौक होते हुए समाहरणालय पहुंचने के दौरान हजारों लोगों को प्रधानमंत्री को मांग से संबंधित खुला पत्र मुहैया कराया. इसके साथ ही जिलाधिकारी से मिल कर मांगों से संबंधित एनएमसी बिल, क्लिनिकल रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन एक्ट के मुद्दे के साथ चिकित्सकों को व्यावसायिक व कार्यस्थल पर सुरक्षा पीसीपीएनडीटी कानून में संसोधन, चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाले मुआवजा देय राशि अधिकतम तय हो.
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में गैर मिश्रण बंद हो. सामान्य कार्य के लिए समान वेतन के साथ अन्य मुद्दे उठाये जायेंगे का ज्ञापन भी सौंप दिया.
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