सिमरी नगर : अनुमंडल अंतर्गत पहाड़पुर बाजार से रविवार शाम पटना से आयी एसटीएफ और बख्तियारपुर पुलिस की सहयोग से डीएसपी सतपाल सिंह हत्याकांड में पिछले कई वर्षों से फरार अभियुक्त मो इमो मियां उर्फ इमरोज को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने उसके पास से एक देसी पिस्टल व कुर्ता के पॉकेट से दो 315 बोर और तीन 7.62 एमएम के, कुल पांच जिंदा कारतूस बरामद किया गया. सोमवार सुबह मो इमो को न्यायिक हिरासत मेें सहरसा भेज दिया गया.
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डीएसपी हत्याकांड का आरोपी धराया
सिमरी नगर : अनुमंडल अंतर्गत पहाड़पुर बाजार से रविवार शाम पटना से आयी एसटीएफ और बख्तियारपुर पुलिस की सहयोग से डीएसपी सतपाल सिंह हत्याकांड में पिछले कई वर्षों से फरार अभियुक्त मो इमो मियां उर्फ इमरोज को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने उसके पास से एक देसी पिस्टल व कुर्ता के पॉकेट से दो 315 […]
नाटकीय अंदाज मे हुई गिरफ्तारी
बनमा इटहरी ओपी अंतर्गत कुसमी निवासी मो इमो मियां की रविवार को एसटीएफ द्वारा की गयी गिरफ्तारी का अंदाज भी काफी नाटकीय रहा. एसटीएफ की गिरफ्त में आये मो इमो की पत्नी पंचायत चुनाव में प्रत्याशी है और प्रचार के लिए मो इमो ने दुसरे जिले में प्रचार कैसेट बनाने का ऑर्डर दिया था. एसटीएफ ने उसी कैसेट व्यापारी के रूप में मो इमो को फोन किया और कहा कि आपका कैसेट बन कर तैयार हो गया है, आप सोनवर्षाराज आकर ले जायें. परन्तु, मो इमो सोनवर्षाराज जाने के लिए तैयार नहीं हुआ और कैसेट विक्रेता बने एसटीएफ को पहाड़पुर आने को कहा. इसके बाद एसटीएफ पहाड़पुर पहुंची और Â बाकी पेज 17 पर
फोन कर इमो को बुलाया. इमो ने किसी पान दुकान पर कैसेट विक्रेता बने एसटीएफ को आने को कहा. एसटीएफ ने पान दुकान पर खड़े मो इमो को गिरफ्तार कर लिया.
क्या था मामला
सात दिसम्बर 1998 को तत्कालीन डीएसपी सतपाल सिंह को देर शाम गुप्त सूचना मिली थी कि सलखुआ थानाक्षेत्र के नोनहा चमराही टोला स्थित दो मंजिला पक्के छतदार बासा पर कुख्यात अपराधकर्मी घातक हथियारों से लैस होकर छिपे हैं. इसी सूचना पर सुरक्षाबलों के साथ रात्रि में ही डीएसपी पहुंचे और वहां घेराबंदी की. साढ़े छह बजे सुबह डीएसपी द्वारा मकान का निचला दरवाजा खुलवाने का प्रयास कर अपराधियों को आत्मसमर्पण करने को कहा गया. इतने में ही छत पर मौजूद अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी थी.
डीएसपी ने भी अपनी सरकारी पिस्तौल से जबावी फायरिंग व सुरक्षाबलों को भी गोली चलाने का आदेश दिया था. इसी दौरान अपराधियों की एक गोली हवलदार गणेश रजक को लगी और वह जख्मी हो गया. तब डीएसपी श्री सिंह पक्का मकान से बगल के खपरैल मकान में पहुंचे और अपराधियों को ललकारते हुए जबावी फायरिंग करते रहे. इसी दौरान एक गोली डीएसपी को भी लगी और उनकी मौत हो गयी. अपराधियों की गोली से अनि रामप्रवेश सिंह भी घायल हुये थे. वहीं इस घटना के मुख्य आरोपी जाहिद उर्फ कमांडो को सहरसा न्यायालय द्वारा 31 मार्च 2010 को फांसी की सजा सुनायी गयी थी.
जिसे उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया है. जबकि साक्ष्य के अभाव में राजद जिलाध्यक्ष मो जफर आलम, मो तौहीद, मो फिरोज, विवेकानंद यादव, सूर्यनारायण मिस्त्री, मो रुस्तम, मो आजम, मो सलाहउद्दीन उर्फ सालो, मो गफ्फार, मो परवेज आलम, मो हलीम, मो शहाबुद्दीन उर्फ साहेब, मो जैनुल, मो तुलो, किशोर पासवान, शिवजी पासवान, जग्गनाथ पासवान, मो युसुफ, घनश्याम यादव, जयकुमार सहनी, प्रकाश मिस्त्री, दिलचन्द पंडित व मजहर इमाम बरी हो गये.
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इमो पर दर्ज मामले
सलखुआ थाना
कांड संख्या : 91/98
धारा : 147, 148, 149, 353, 324, 326, 307, 302 एवं 27 आर्म्स एक्ट
कांड संख्या : 1/04
धारा : 395
बेलदौर थाना
कांड संख्या : 92/07
धारा : 147, 148, 149, 307, 302, 326 एवं 27 आर्म्स एक्ट
चौथम थाना
कांड संख्या : 29/07
धारा : 147, 148, 149, 324, 379, 506 एवं 27 आर्म्स एक्ट
07/12/1998 को तत्कालीन डीएसपी सतपाल सिंह की मुठभेड़ के दौरान हो गयी थी मौत
देसी पिस्तौल व सात कारतूस बरामद
मो इमो को भेजा गया न्यायिक हिरासत में
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