बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित, न्यायाधीश रामप्रताप अस्थाना ने दहेज हत्या के आरोप में 16 जनवरी को दोषी करार किये गये मृतका के आरोपित पति व भैंसुर रंजीत, वीरेंद्र व धर्मेंद्र कुमार को भादस की धारा 304 बी तथा 498 ए के तहत सजा सुनायी.
तीनों ही आरोपितों को दोनों ही धाराओं के तहत दस वर्ष तथा तीन वर्ष कारावास सहित प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये जुर्माना किया गया, जिसे अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा दी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
अभियोजन पक्ष से एपीपी सुनील कुमार सिन्हा ने सजा निर्धारण पर बहस के उपरांत फैसले का निर्धारण हो सका. मृतका के पिता सह मामले के सूचक अमरनाथ सिंह ने रहुई थाने के तहत आरोप दर्ज कराया था, जिसके अनुसार मृतका अंजली देवी का मायका रहुई थाना क्षेत्र के बरांदी गांव था.
17 नवंबर 2002 को मृतका अंजली देवी की शादी आरोपित रंजीत कुमार संग हुई थी. आरोपितों ने एक रंगीन टीवी एवं तीन भर सोने के चेन की मांग पूर्ति के लिए मृतका को बराबर गाली-गलौज, मारपीट करते रहते थे. पांच दिसंबर 2003 को आरोपितों ने मारपीट करने के बाद गर्दन में लाठी दबाकर मारने का प्रयास किया तथा मारपीट कर मृतका के सीने को चूर दिया था.
पीएमसीएच में इलाज के दौरान अत्यधिक चोट से उसकी मृत्यु हो गयी थी. मामले के सुनवाई के दौरान छह गवाहों का परीक्षण किया गया था. इस मामले के अन्य आरोपितों रंजू देवी, केदार, अजय व विजय सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था.
