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10 कृषि समन्वयक होंगे सेवामुक्त

बिहारशरीफ : डीएम योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को कृषि विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. वर्तमान खरीफ मौसम में अब तक वर्षापात सामान्य औसत से लगभग 26 प्रतिशत कम हुई है. डीएम ने सभी कृषि समन्वयक को प्रखंड और पंचायतों में अधिष्ठापित वर्षा मापक यंत्रों का निरीक्षण करने और वर्षापात मापने की पद्धति का […]

बिहारशरीफ : डीएम योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को कृषि विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. वर्तमान खरीफ मौसम में अब तक वर्षापात सामान्य औसत से लगभग 26 प्रतिशत कम हुई है. डीएम ने सभी कृषि समन्वयक को प्रखंड और पंचायतों में अधिष्ठापित वर्षा मापक यंत्रों का निरीक्षण करने और वर्षापात मापने की पद्धति का अवलोकन करने का निर्देश दिया. जिले में धान के बिचड़ा का शत-प्रतिशत आच्छादन हुआ है.

धानरोपनी के लिए निर्धारित लक्ष्य एक लाख 28 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध लगभग सात हजार हेक्टेयर में अब तक धान की रोपनी हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का लगभग पांच प्रतिशत है. विगत दो दिनों में जिले में अच्छी बारिश हुई है, जिससे धान रोपनी के कार्य में तेजी आयी है. जिले में अब तक मक्का का आच्छादन निर्धारित लक्ष्य का 18 प्रतिशत, अरहर का 20 प्रतिशत, उरद का 17 प्रतिशत हुआ है.
आकस्मिक फसल योजना तैयार करने का निर्देश
जिलाधिकारी ने अल्पवृष्टि होने की परिस्थिति के लिए व्यावहारिक आकस्मिक फसल योजना तैयार करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया. इसमें व्यवहारिक दृष्टिकोण से अधिक से अधिक फसलों को शामिल करने को कहा गया है. आकस्मिक फसल योजना के बारे में जिला कृषि पदाधिकारी और परियोजना निदेशक आत्मा को किसानों के बीच प्रचार-प्रसार कर प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि जिले के चंडी और सिलाव प्रखंड में जीरो टिलेज पद्धति से सहभागी वेराइटी के धान की खेती कुछ किसानों द्वारा की जा रही है. इस धान में कम पानी की जरूरत होती है. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जीरो टिलेज पद्धति से जिले में 1200 एकड़ क्षेत्रफल में धान की खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
डीएम ने कम वर्षापात वाले प्रखंडों और पंचायतों में इस पद्धति के माध्यम से धान की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित करने का निर्देश दिया. सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से अपने-अपने पदस्थापन वाले प्रखंड मुख्यालय में आवासन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. बगैर सक्षम प्राधिकार की अनुमति प्राप्त किये मुख्यालय छोड़ने वाले पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
पांच दिनों में करें उर्वरक गोदामों की जांच
उन्होंने साफ-साफ कहा कि सभी कृषि समन्वयक नियमानुसार आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करें अन्यथा यह माना जायेगा कि गलत मंशा से आवेदन को लंबित रखा गया है. उन्होंने सबसे अधिक आवेदन लंबित रखने वाले 10 कृषि समन्वयकों को सेवा मुक्त करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश डीएओ को दिया.
पंचायतों में निर्मित पंचायत सरकार भवन में कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार को प्रतिदिन पूर्वाह्न में तीन घंटे अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया. इसका अनुपालन डीएओ को सुनिश्चित कराने को कहा गया. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में यूरिया की आपूर्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य 38 हजार एमटी के विरुद्ध 32 हजार 86 एमटी यूरिया की आपूर्ति हुई है. उन्होंने सभी उर्वरक गोदामों की जांच अगले पांच दिन में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
डीएम ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ अधिक-से-अधिक किसानों को देने के लिए कृषि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मियों को संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्ता, डीएओ, बीएओ, कृषि विकास केंद्र के प्रतिनिधि, कृषि समन्वयक आदि उपस्थित थे.
डीजल सब्सिडी के 96000 आवेदन लंबित, डीएम नाराज
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत जिले में अब तक 130243 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कृषि समन्वयक के स्तर पर 120173 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं. कृषि समन्वयकों के स्तर पर आवेदन लंबित रहने को लेकर जिलाधिकारी ने काफी असंतोष व्यक्त किया. सिलाव के कृषि समन्वयक नरेंद्र कुमार के स्तर पर 54 आवेदन लंबित पाये गये.
डीएम ने उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए मानदेय स्थगित करने का निर्देश दिया. सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को प्रतिदिन आवेदनों के निष्पादन की समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया. रबी डीजल सब्सिडी के लिए जिले में 172489 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से कृषि समन्वयक के स्तर पर 11565 आवेदन स्वीकृत किये गये और 64528 आवेदन अस्वीकृत किये गये.
शेष लगभग 96000 आवेदन लंबित पाये गये. डीएम ने लंबित आवेदनों की संख्या पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 31 जुलाई तक सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन कृषि समन्वयक के स्तर से सुनिश्चित किया जाये अन्यथा संबंधित कृषि समन्वयक को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई की जायेगी.
डीएम ने डीजल सब्सिडी के लंबित एवं निष्पादित आवेदनों की रेंडम जांच अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से कराने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने प्रत्येक बुधवार को प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के प्रखंड भ्रमण के दौरान दो-दो पंचायतों में डीजल अनुदान के आवेदनों की जांच करने का निर्देश दिया.
Prabhat Khabar Digital Desk
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