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महिलाओं का करें सम्मान, बढ़ेगा देश का अभिमान

बिहारशरीफ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व प्रभात खबर बिहारशरीफ द्वारा गुरुवार को स्थानीय नालंदा महिला कॉलेज बिहारशरीफ में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो (डॉ) अनिल कुमार गुप्ता ने की. प्रो गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा तथा प्यार प्रकट करने के लिए तथा उनका आर्थिक, […]

बिहारशरीफ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व प्रभात खबर बिहारशरीफ द्वारा गुरुवार को स्थानीय नालंदा महिला कॉलेज बिहारशरीफ में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो (डॉ) अनिल कुमार गुप्ता ने की.
प्रो गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा तथा प्यार प्रकट करने के लिए तथा उनका आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में इसे पूरे विश्व में मनाया जाता है. वास्तव में किसी भी देश और समाज का विकास महिलाओं के विकास के बिना संभव नहीं है. महिलाओं की आधी आबादी यदि किसी भी क्षेत्र में पिछड़ती है तो पूरा समाज पिछड़ जायेगा.
जरूरत है तो महिलाओं को आगे बढ़ाकर उनकी प्रतिभाओं का सम्मान करने का. कॉलेज की वरीय व्याख्याता डॉ फरहत जवीं शकील ने कहा कि नारी से सृष्टि बनी है. वह घर में हो या बाहर में हर जगह अपनी प्रतिभा का परिचय देती है. देश-दुनिया की अनेक महिलाओं ने अपनी प्रतिभा तथा बहादुरी का परिचय देकर पूरे विश्व को गौरवान्वित किया है.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी तथा आइएएस अधिकारी किरण बेदी आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी ही महिलाएं हमारी प्रेरणास्रोत हैं. इनकी प्रतिभा का लोहा दुनिया मानती है. विश्व में ऐसी दर्जनों महिलाएं हैं, जो सत्ता से लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रही हैं.
हम सशक्त हों, उच्छृंखल नहीं
प्रभात खबर द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कॉलेज की व्याख्याता डॉ किरण व्यास ने कहा कि देश में महिलाओं के विकास के लिए अच्छा माहौल बना है.
कभी चूल्हा-चौके तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं. हमारे कॉलेज की ही हजारों लड़कियां बैंक, रेलवे से लेकर, डॉक्टर तथा इंजीनियर के रूप में देश के कोने-कोने में परचम लहरा रही हैं. कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाकर एक कीर्तिमान बनाया था.
परिस्थितियों का डटकर करें मुकाबला
कॉलेज की व्याख्याता डॉ पुष्पलता कुमारी ने छात्राओं को नसीहत देते हुए कहा कि हम अनुशासित रहकर ईमानदारीपूर्वक अपना-अपना काम करें तो स्वत: हमारा उत्थान होगा. यद्यपि समाज में फैली कई कुरीतियां कुछ देर के लिए हमें कमजोर बनाती हैं, लेकिन हमें उससे उबरकर आगे बढ़ने की जरूरत है. भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, छेड़खानी, दहेज प्रथा आदि ऐसी कुरीतियां हैं, जिनके विरुद्ध डटकर मुकाबला किया जाना चाहिए.
महिलाएं किसी भी रूप में अबला न रहकर सबला बनें. हम सशक्त हों, लेकिन हमारा स्वभाव उच्छृंखल न हो. अन्य वक्ताओं ने भी महिलाओं को आगे बढ़ने की जरूरत पर जोर दिया.

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