मुहिम. जिला कल्याण शाखा के कार्यों की विशेष ऑडिट शुरू, हड़कंप
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छात्रवृत्ति में भारी गड़बड़ी की आशंका
मुहिम. जिला कल्याण शाखा के कार्यों की विशेष ऑडिट शुरू, हड़कंप जिला कल्याण शाखा के पांच साल के कार्यों की हो रही ऑडिट तीन सदस्यीय टीम कर रही ऑडिट बिहारशरीफ : जिला कल्याण शाखा के कार्यों की ऑडिट शुरू हो गयी है. पटना के तीन सदस्यीय टीम के द्वारा विशेष ऑडिट की जा रही है. […]
जिला कल्याण शाखा के पांच साल के कार्यों की हो रही ऑडिट
तीन सदस्यीय टीम कर रही ऑडिट
बिहारशरीफ : जिला कल्याण शाखा के कार्यों की ऑडिट शुरू हो गयी है. पटना के तीन सदस्यीय टीम के द्वारा विशेष ऑडिट की जा रही है. बताया जाता है कि पांच साल के दौरान किये गये सभी कार्यों की जांच टीम के द्वारा की जायेगी. जिला कल्याण शाखा के कार्यों की विशेष ऑडिट होने से विभाग में हड़कंप मचा है. मुख्यालय के आदेश से कार्यालय द्वारा संचालित सभी योजनाओं का ऑडिट किया रहा है. पांच साल में छात्रवृत्ति वितरण से लेकर सभी तरह की विकास कार्यों की फाइलों को बारिकी से देखा जा रहा है. फाइलों का मिलान से लेकर व्यय पंजी व रोकड़ पंजी से भी खर्चों का मिलान टीम के अधिकारी के द्वारा सूक्ष्मता से की किया जा रहा है.
हालांकि टीम के अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. वैसे चर्चा है कि मुख्यत: छात्रवृत्ति वितरण में ही भारी अनियमितता है. ऑडिट से कई लोग कार्रवाई की जद में आ सकते हैं.
शिक्षा में सहयोग के लिए छात्रवृत्ति योजना : कमजोर व असहाय परिवार के बच्चों की उच्च शिक्षा में सहयोग के लिए छात्रवृत्ति योजना चलायी गयी है. छात्रवृत्ति की भुगतान में तरह-तरह की शिकायतें मिलती रहती है. होनहार बच्चों को फायदा मिलने के स्थान पर बिचौलियों के हावी रहने की चर्चा भी आये दिन होती रहती है.
हालांकि इसमें क्या सच्चाई है इसका स्पष्ट खुलासा ऑडिट रिपोर्ट के बाद ही हो पायेगा.
मोटी रकम कमाने का आसान तरीका छात्रवृत्ति : कई बार जांच से यह खुलासा हो चुका है कि धरातल पर कॉलेज नहीं है और संस्थान के द्वारा आवेदन कर दिया जाता है. इसकी जांच जब अफसर को भेजकर की गयी तो पाया गया कि उक्त नाम की कोई संस्थान ही नहीं है. कुछ संस्थान एक कमरे में पाया गया. इस तरह के अधिकतर मामले बिहार से बाहर के पाये गये हैं. कुछ दिन पहले पंजाब में जांच के लिये कर्मी को भेजा गया तो पाया गया था कि फर्जीवाड़ा किया गया है. नालंदा के छात्रों के नाम पर दूसरे स्टेट जैसे पंजाब के विभिन्न संस्थान व कॉलेजों द्वारा 80 छात्रों के छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आया था. इसकी जांच जब करायी गयी तो एक भी लड़का पढ़ाई नहीं पाया गया. इस तरह के और भी मामले भी है. जिले में भी ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं जो कागज पर चल रहे हैं.
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