अनदेखी में थानाध्यक्ष व सीओ शामिल
बिहारशरीफ : लोक शिकायत निवारण कानून के तहत 8379 में से 7701 लोगों को जिला प्रशासन के द्वारा न्याय दिलाया जा चुका है. 5 जून 2016 से लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू किया गया है. कार्य में अनावश्यक विलंब होने पर इस अधिकार का आम जनता फायदा उठा सकते है. यह शिकायत अनुमंडल, जिला व राज्य मुख्यालय में स्थित लोक शिकायत प्राप्ति काउंटर पर जाकर हाथों-हाथ किया जा सकता है. आवेदन देने का दूसरा माध्यम ऑनलाइन वेब पोर्टल, ईमेल, डाक अथवा जन समाधान मोबाइल ऐप द्वारा भी हो सकता है. कोई भी नागरिक या समूह निश्चित समय सीमा में अपने शिकायतों का निवारण पाने के हकदार है.लोक शिकायत निवारण कानून के तहत आने वाली शिकायतों का प्राथमिकता से निवारण का निर्देश जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने दिया हैं.
उन्होंने कहा है कि जिन अधिकारियों के द्वारा समय पर सुनवाई में उपस्थिति नहीं की जायेगी या जिनके द्वारा इसके अनुपालन में लापरवाही बरती जायेगी उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. सुनवाई में अनुपस्थित रहने अथवा सक्षम अधिकारियों के सुनवाई में नहीं उपस्थित होने से इस कुछ मामलों का क्रियान्वयन समय सीमा के तहत नहीं पा रहा है , इसे जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है. इस अधिनियम के लागू होने से लेकर अब तक दोषी पाये गये सात अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है, कुछ पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी हैं. इसमें बिहारशरीफ थानाध्यक्ष पर 5 हजार हजार रुपये दंड अधिरोपित किये गये थे. वेन के अंचलाधिकारी सुबोध कुमार पर 5 हजार, राजगीर के अंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत पर 5 हजार, सरमेरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन कुमार पर 5 हजार के दंड अधिरोपित की गयी है. इन लोगों से दंड की राशि वसूल करने का आदेश दिया गया है. एएनएम सुविति,कुमारी एवं सीताराज कुमारी पर भी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अभी तक वह निलंबित है. इसी प्रकार वेन के राजस्व कर्मचारी मनोज कुमार पर भी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है.