बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश रामप्रताप अस्थाना ने अभियोजन पक्ष से एपीपी सुशील सिन्हा व अधिवक्ता एसएम असलम के सत्र परिवाद संख्या 153/04 के तहत सजा निर्धारण पर बहस के बाद हत्या मामले में दोषी शैलेंद्र कुमार को आजीवन कारावास व दस हजार रुपये जुर्माना, जिसे अदा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा दी. इसके अलावा आर्म्स एक्ट के तहत भी तीन वर्ष व एक हजार रुपये जुर्माना, जिसे अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी.
सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. इस मामले के अन्य आरोपियों वेदानंद उर्फ वेदु, विजय कुमार, उमेश कुमार, शंभु कुमार उर्फ निवास को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया. एक अन्य आरोपित अनिल कुमार के आरोप का उच्च न्यायालय से फाइनल किया गया था. सभी आरोपित व पीड़ित तत्कालीन मुखिया चंद्रिका उर्फ चंदु मुखिया नानन निवासी हैं. घटना को आरोपियों द्वारा 15 जून 2002 के साढ़े 11 बजे दिन में अंजाम दिया गया था. जबकि पीड़ित नालंदा से अपने गांव वापस मोटरसाइकिल से जा रहे थे.
रास्ते में आरोपियों ने मोटरसाइकिल से पहुंचकर घेर लिया. वेदानंद ने आदेश दिया था कि बड़ा मुखिया बनता है गोली मार दो. इस पर दोषी शैलेंद्र कुमार ने देसी पिस्तौल से सिर में गोली मार दी थी. जिससे तत्काल वहीं पीड़ित की मृत्यु हो गयी थी. पीड़ित के साथ उसका भाई तथा इस मामले के सूचक अनिल कुमार उर्फ अली तथा मनोज कुमार भी साथ थे. इस मामले के विचारणोपरांत कुल 13 साक्षियों का परीक्षण किया गया था.