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अब जितना पैसा, उतनी ही मिलेगी बिजली

योजना. जिले में रेवेन्यू लिंक्ड सर्विस सप्लाई स्कीम शुरू बिजली की सप्लाई पूरी तरह उपभोक्ताओं पर ही छोड़ दिया गया है. जिस क्षेत्र के उपभोक्ता बकाया बिजली बिल के भुगतान के प्रति जितने सगज व गंभीर होंगे, उन्हें विद्युत सेवा का लाभ भी उतने ही अधिक समय तक प्राप्त हो सकेगा. प्रतिमाह प्राप्त होने वाले […]

योजना. जिले में रेवेन्यू लिंक्ड सर्विस सप्लाई स्कीम शुरू

बिजली की सप्लाई पूरी तरह उपभोक्ताओं पर ही छोड़ दिया गया है. जिस क्षेत्र के उपभोक्ता बकाया बिजली बिल के भुगतान के प्रति जितने सगज व गंभीर होंगे, उन्हें विद्युत सेवा का लाभ भी उतने ही अधिक समय तक प्राप्त हो सकेगा.
प्रतिमाह प्राप्त होने वाले राजस्व के आधार पर ही बिजली की आपूर्ति
जिले में 30 करोड़ से अधिक की खपत हो रही बिजली, राजस्व प्राप्त हो रहा 17 करोड़
बिहारशरीफ : नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने पावर सप्लाई के लिए एक नयी स्कीम जितना पैसा, उतनी बिजली शुरू की है. इस स्कीम को आरएलएसएस नाम दिया गया है. इस नयी स्कीम के तहत विभाग द्वारा कंपनी को प्रति माह अदा की गयी राशि के आधार पर संबंधित क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की जायेगी. अगर विद्युत विभाग एक माह में जिले से 17 करोड़ रुपये कंपनी को अदा करता है तो उस माह में कंपनी जिले को उतने मूल्य की बिजली विभाग को उपलब्ध करायेगी.
नयी व्यवस्था के तहत जिले को प्राप्त होनी वाली बिजली पूरी तरह से विद्युत आपूर्ति से प्रति माह विभाग को प्राप्त होने वाले राजस्व पर निर्भर करेगा. विभाग के कार्यपालक अभियंता इंद्रदेव कुमार ने बताया कि बिजली विभाग अब शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के बिजली बिल अदा करने की सक्रियता के आधार पर बिजली उपलब्ध करायेगा. प्राप्त राजस्व के आधार पर ही निर्धारित किया जायेगा कि उपभाेक्ता 24 घंटे में कितने घंटे बिजली प्राप्त करना चाहते हैं.
बिजली की सप्लाई पूरी तरह उपभोक्ताओं पर ही छोड़ दिया गया है. जिस क्षेत्र के उपभोक्ता बकाया बिजली बिल के भुगतान के प्रति जितने सगज व गंभीर होंगे, उन्हें विद्युत सेवा का लाभ भी उतने ही अधिक समय तक प्राप्त हो सकेगा. विद्युत विभाग द्वारा अपनायी गयी इस नयी व्यवस्था को रेवेन्यू लिंक्ड सर्विस सप्लाई का नाम दिया गया है. बिजली आपूर्ति की नयी व्यवस्था लागू होने के बाद उपभोक्ताओं द्वारा ससमय बकाये बिजली बिल के भुगतान का महत्व बढ़ गया है.
समय पर बिल का भुगतान नहीं होने से विभागीय राजस्व में कमी आयेगी. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को ही चुका पड़ेगा. इसके कारण विभाग उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से बिजली की खरीदारी नहीं कर पायेगा.
जितना पैसा, उतनी बिजली के तहत यहां कट होगी बिजली :
बिहारशरीफ डिवीजन क्षेत्र में
फीडर का नाम
कब से कब तक
अस्थावां, सरमेरा व बिंद -रात्रि 07 बजे से एक बजे, सुबह 05 से 07 बजे
दिन में 11 से 01 बजे
नूरसराय – रात्रि 03 बजे से 05 बजे, सुबह नौ बजे से 11 बजे
शाम में 03 से 05 बजे
हरनौत – रात्रि में 11 बजे से 01 बजे, सुबह 05 से 07 बजे
दिन में 11 से 01 बजे तक
टाउन एरिया सोहसराय – रात्रि 01 बजे से तीन बजे , सुबह 07 से 09 बजे
दिन में 01 बजे से 03 बजे तक
रामचन्द्रपुर एरिया – रात्रि 03 बजे से 07 बजे तक, सुबह 09 बजे से 11 बजे तक
शाम में 03 बजे से 05 बजे तक
नोट :- रामचन्द्रपुर एरिया में रोटेशन के आधार पर बिजली की आपूर्ति होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
”जिले में आरएलएसएस स्कीम लागू कर दिया गया है. नये स्कीम को प्रभावी बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. बकाये बिल के मामले में विभाग सख्ती बरत रहा है. नयी स्कीम लागू होने से उपभोक्ताओं की जिम्मेवारी बढ़ गयी है कि वे बेहतर सेवा के लिए समय पर बिजली बिल जमा कर दें. जितना राजस्व प्राप्त होगा, उसी के हिसाब से अब बिजली की आपूर्ति होगी.”
रिजवान अहमद, अधीक्षण अभियंता, नालंदा.
राजस्व में शहरी क्षेत्र का ज्यादा हिस्सा :
जिले में प्रतिमाह 30 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जबकि प्रतिमाह बिल के रूप में राजस्व 17 करोड़ रुपये का प्राप्त हो रहा है. इससे विभाग को प्रतिमाह 13 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो रहा है. घाटे के इतने बड़े अंतर को कम करने के लिए ‘जितना पैसा, उतनी बिजली’ योजना लागू की गयी है. प्रतिमाह प्राप्त होने वाले राजस्व में शहरी क्षेत्र की हिस्सेदारी ज्यादा है. विभाग को प्राप्त होने वाले राजस्व में ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान काफी कम है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में पावर कट की समस्या का सामना करना पड़ेगा.

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