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विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से मरीज हलकान

अनदेखी. बेड तीन सौ, डॉक्टर महज 16, कैसे हो इलाज, हाल सदर अस्पताल का हर दिन आते छह-सात सौ मरीज रोगियों को होती फजीहत दो-तीन दिनों से एंटी रैबीज नहीं, दिक्कत बिहारशरीफ : बेड तीन सौ,डॉक्टर हैं महज सोलह ही पदस्थापित. इस स्थिति में अस्पताल में आने वाले रोगियों का समुचित रूप से इलाज कैसे […]

अनदेखी. बेड तीन सौ, डॉक्टर महज 16, कैसे हो इलाज, हाल सदर अस्पताल का

हर दिन आते छह-सात सौ मरीज
रोगियों को होती फजीहत
दो-तीन दिनों से एंटी रैबीज नहीं, दिक्कत
बिहारशरीफ : बेड तीन सौ,डॉक्टर हैं महज सोलह ही पदस्थापित. इस स्थिति में अस्पताल में आने वाले रोगियों का समुचित रूप से इलाज कैसे संभव हो पायेगा. यह स्थिति कहीं गांव, कस्बों व टोलों में स्थापित हॉस्पिटलों की नहीं, बल्कि जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल की है. इस अस्पताल में हर दिन पांच-छह सौ से अधिक मरीज चिकित्सा के लिए पहुंचते हैं. इस स्थिति में अनुमान ही लोग लगा सकते हैं कि रोगियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सेवा कैसे मिल पायेगी.
इन दिनों सदर अस्पताल में पिछले दो-तीन दिनों से एंटी रैबीज नहीं है. लिहाजा कुत्ता काटने से पीड़ित हुए मरीजों को इसका इंजेक्शन नहीं लग पा रहा है. बाहर से इसकी सूई मरीजों को खरीदनी पड़ रही है.
सदर अस्पताल में कई रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित नहीं है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण इलाज पहुंचने वाले मरीजों को हर दिन फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर ह्रदय रोग, किडनी व चर्म रोग आदि के विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. चर्म रोग के मरीज हर दिन अस्पताल में इलाज के लिए भटकते नजर आते हैं. पर उनका इलाज इस अस्पताल में नहीं हो पा रहा है. चर्म रोग के रोगी लाचार होकर शहर के निजी चिकित्सकों का सहारा लेते हैं.
लिहाजा उन्हें अधिक खर्च का वहन करना पड़ता है. गरीब रोगी चाहकर भी शहर के चर्म रोग विशेषज्ञ के पास इलाज करा पाने में सक्षम नहीं होते. इसी तरह ह्रदय रोगियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इस रोग के मरीजों को भी निजी डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है.सदर अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 32 पद सरकार की ओर से सृजित है. वर्तमान समय में यहां पर महज सोलह चिकित्सक पदस्थापित हैं. यानी की स्वीकृत पदों में से आधी सीटें चिकित्सकों के खाली पड़ी है. इस तरह अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को इलाज कराने में हर दिन परेशानी झेलनी पड़ती है. पंद्रह में से तीन महिला विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित हैं. इसके अलावा संविदा पर भी डॉक्टर यहां पर अपनी सेवा दे रहे हैं. जिसमें से एक दंत चिकित्सक शामिल हैं.
एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं
इस अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. लिहाजा जरुरतमंद मरीजों को इन दिनों फजीहत झेलनी पड़ रही है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले संबंधित रोगियों को आवश्यकता अनुसार चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक यह इंजेक्शन बाहर से लेनी पड़ रही है. लिहाजा गरीब रोगियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. एंटी रैबीज सूई के लिए बाहर से तीन से चार सौ रुपये खर्च करना पड़ रहा है. हर दिन करीब एक दर्जन लोग कुत्ते से पीड़ित रोगी सूई लेने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन निराशा हाथ लग रही है. आईपीडी कक्ष में अभी 89 तरह की दवाइयां उपलब्ध है. इसी प्रकार ओपीडी में 33 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है.
पीपी मोड पर एक्सरे सेवा की भी सुविधा
अस्पताल के पुराने भवन की स्थिति बदहाल है. शौचालय की दीवार से पानी का रिसाव होता है. पुराने भवन की छत से भी बरसात में रिसाव होता है. लिहाजा बारिश होने की स्थिति में मरीजों को परेशानी होती है. नये भवनों की स्थिति ठीक है. एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है. जो जरुरतमंद लोगों को उपलब्ध करायी जाती है. इसके अलावा पीपी मोड पर एक्सरे सेवा की भी सुविधा मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है.
नहीं मिल रही रोगियों को सोनोग्राफी का लाभ
सदर अस्पताल में पीपी मोड पर अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था तो है.पर पिछले करीब दो साल से अधिक समय से इस कक्ष में ताला लटका हुआ है. लिहाजा इसका लाभ जरुरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. एेसे रोगी शहर स्थित निजी सोनोग्राफी घर में जाकर अल्ट्रासाउंड कराने को विवश हैं. यहां पर रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त रहने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस अस्पताल में हर माह विभिन्न रोगों के इलाज के लिए पंद्रह से अठारह हजार रोगी आते हैं. यहां पर एसएनसीयू, डायलिसिस,पेडियाट्रिक इमरजेंसी ,प्रसव, सिजेरियन समेत कई तरह की चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध है. हर गुरुवार को नेत्र ऑपरेशन होता है.
पदों की स्थिति
पद स्वीकृत संख्या- पदस्थापित /रिक्त
डॉक्टर 32 16
फार्मासिस्ट 05 05
परिचारिका ए ग्रेड 64 51
मूर्च्छक 01 00
इएनटी 03 01
रेडियोलॉजिस्ट 01 00
पैथोलॉजिस्ट 02 01
एक्सरे तकनीशियन 01 00
पुरुष सेवक 16 10
ड्रेसर 04 01
लिपिक 03 03
महिला सेवक 08 06
एएनएम 04 04
क्या कहते हैं अधिकारी
उपलब्ध संसाधनों से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जा रही है. डॉक्टरों व कर्मियों के रिक्त पदों की सूची सरकार व विभाग के वरीय अधिकारियों को उपलब्ध करायी जा चुकी है. अस्पताल में जीवनरक्षक दवाइयां पर्याप्त रूप से उपलब्ध है. अल्ट्रासाउंड सेवा चालू करने की दिशा में पहल की जा रही है. एंटी रैबीज के लिए विभाग के वरीय अधिकारी को लिखा गया है. निकट समय में एंटी रैबीज उपलब्ध हो जाने की संभावना है.
डॉ सुबोध प्रसाद सिंह,सिविल सर्जन नालंदा

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