तीन महीने तक बालू के उठाव पर रोक की बात को विभाग ने बताया गलत
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अब इ-चालान से होगा घाटों से बालू का उठाव
तीन महीने तक बालू के उठाव पर रोक की बात को विभाग ने बताया गलत बिहारशरीफ : जिले के बालू घाटों से अब इ-चालान के माध्यम से बालू का उठाव होगा. नयी व्यवस्था के तहत बालू घाट पर अब कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी. बालू घाट पर ही इ-चालान जेनरेट किया जायेगा और […]
बिहारशरीफ : जिले के बालू घाटों से अब इ-चालान के माध्यम से बालू का उठाव होगा. नयी व्यवस्था के तहत बालू घाट पर अब कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी. बालू घाट पर ही इ-चालान जेनरेट किया जायेगा और बालू की बिक्री की जायेगी. पहले मैन्यूअल चालान के माध्यम से घाटों से बालू का उठाव किया जाता था. इसके तहत बालू ठेकेदारों का विभाग द्वारा मैन्यूअल चालान का एक बुक दी दी जाती थी. जिसका इस्तेमाल ठेकेदार द्वारा बालू उठाव के लिए किया जाता था. मैन्यूअल चालान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने नयी व्यवस्था के तहत इ-चालान की प्रक्रिया शुरू की है.
इ-चालान की नयी प्रक्रिया कई बालू घाटों पर शुरू हो गयी है. मगर इंटरनेट की पहुंच न होने के वजह से कहीं-कहीं इसमें परेशानी पैदा हो रही है. जिसके कारण कई बालू घाटों से बालू का उठाव नहीं हो पा रहा है.
नदी से बालू के उठाव पर नहीं है रोक: जिले के बालू घाटों के ठेकेदारों द्वारा तीन महीने तक बालू के उठाव पर रोक लगा दिये जाने की अफवाह इन दिनों फैलायी जा रही है. इसके कारण जिले के 29 बालू घाटों में से अधिकांश पर बालू का उठाव बंद होने की बात बालू विक्रेताओं द्वारा बतायी जा रही है. इस बात को निर्माण कार्य करा रहे लोगों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया है. लोग हैरान परेशान हो अपने-अपने निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए बालू के खोज में जुटे हैं. निर्माण कार्य करा रहे लोगों ने बताया कि चोरी छिपे उन्हें तीन हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर एवं 700 रुपये बैलगाड़ी बालू दिया जा रहा है. तीन महीने तक घाटों से बालू के उठाव पर रोक लगाये जाने की बात को विभाग ने गलत बताया है.
बालू का भंडारण करने वाले प्री पेड चालान पर करेंगे कारोबार: जुलाई, अगस्त व सितंबर माह बरसात का समय माना जाता है. इस दौरान बालू का स्टॉक कर कारोबार करने वाले लोगों को प्री पेड चालान के माध्यम से ही अपना कारोबार कर सकेंगे. ऐसे लोगों को पर्यावरण विभाग से स्वीकृति प्राप्त करना जरूरी है. बिना पर्यावरण स्वीकृति के बालू का स्टॉक कर कारोबार नहीं किया जा सकेगा.
जिले में 29 घाटों से होता है बालू का कारोबार: जिले के विभिन्न नदियों में 29 बालू घाट हैं. इन बालू घाटों से ही बालू का कारोबार होता है. इन बालू घाटों से प्रतिदिन लाखों टन बालू का उठाव होता है. प्रतिदिन 15 सौ से दो हजार ट्रैक्टर व करीब एक हजार ट्रक बालू का उठाव होता है. नयी व्यवस्था के कारण इन बालू घाटों से बालू का उठाव नहीं हो पा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नदी बालू घाटों से बालू के उठाव पर कोई रोक नहीं है. अब बालू घाटों पर नयी व्यवस्था लागू की गयी है. इ-चालान के माध्यम से ही नदी बालू घाटों से बालू की बिक्री की जा सकती है. बालू घाटों पर ही अब इ-चालान जेनरेट किया जायेगा. वहां कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था होगी. बालू का भंडारण कर बिक्री करने वालों को प्री-पेड चालान का उपयोग करना होगा एवं इसकी पर्यावरण विभाग से स्वीकृति लेना जरूरी है.
रवींद्र राम, प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी, नालंद
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