उज्ज्वलानंद गिरि @ बिहारशरीफ
फर्जी नियोजित शिक्षकों की बड़ी तादाद अब भी स्कूलों में मौजूद है. फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बावजूद इक्के-दुक्के फर्जी शिक्षकों पर ही विभाग कार्रवाई कर पाया है. सच्चाई यह है कि ऐसे फर्जी नियोजित शिक्षकों की संख्या हजारों में है. पंचायत-प्रखंड शिक्षक और नगर निगम व जिला परिषद शिक्षकों में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पानेवाले ऐसे शिक्षक बेखौफ हो कर स्कूलों में पढ़ाने के साथ-साथ निर्धारित मानदेय भी प्राप्त कर रहे हैं. जिले के लगभग एक वर्ष से चल रही निगरानी जांच का भी ऐसे फर्जी शिक्षकों पर कोई प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है. शिक्षा विभाग इन इक्के-दुक्के फर्जी शिक्षकों को पकड़ कर जांच की इतिश्री कर ली है.
टीइटी के एक ही प्रमाणपत्र पर तीन-तीन शिक्षक :डायट नूरसराय नालंदा द्वारा हाल ही में ऐसे कई दर्जन नियोजित फर्जी शिक्षकों के नामों का खुलासा किया गया है. इनमें एक ही टीइटी सर्टिफिकेट पर कई लोग शिक्षक बन गये हैं. किसी सर्टिफिकेट के पिता का नाम बदल दिया गया है, तो किसी सर्टिफिकेट में पति का नाम दिखाया गया है. इसके अलावा कई लोगों ने तो टीइटी में ‘नॉट क्वाइलीफाइड’ की जगह 70-75 अंक दिखाकर शिक्षक की नौकरी पाने में सफल रहे हैं. मामला उजागर होने के बावजूद जिला शिक्षा कार्यालय ठोस कदम उठाने में कोताही बरत रहा है.
फर्जी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र बन गये असली :जिले के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों के फर्जी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र भी आज असली बन चुके हैं. प्रमाणपत्रों का ठीक तरीके से जांच नहीं किये जाने के कारण हजारों फर्जी नियोजित शिक्षक बेखौफ हो कर स्कूलों में योगदान भी दे रहे हैं और मानदेय भी प्राप्त कर रहे हैं. कई अभ्यर्थी मैट्रिक और इंटरमीडिएट के अंक पत्रों में भी छेड़छाड़ कर शिक्षक बनने में कामयाब रहे हैं. निगरानी जांच में कोताही बरतने का फायदा फर्जी शिक्षक उठा रहे हैं.
नियोजन इकाइयों ने भी की मनमर्जी :पंचायत-प्रखंड शिक्षकों के नियोजन में नियोजन इकाइयों ने भी खूब मनमर्जी की. हालांकि, मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है. नियोजन इकाइयों द्वारा अपने चहेतों को जिस प्रकार शिक्षक बनाया गया है, यदि गहराई से जांच की जाये, तो भारी गड़बड़ी सामने आ सकती है. इन नियोजन इकाइयों ने अधिक अंकवाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र तक गायब कर दिये और नये रजिस्टर से मेधा सूची बनायी. इससे चहेते लोगों को नियोजित करना आसान हो गया.
अपीलीय प्राधिकार ने भी बांटी नौकरियां :जिले में ऐसे भी सौ से अधिक नियोजित शिक्षक हैं, जिन्होंने अपीलीय प्राधिकार के माध्यम से नियोजन प्रक्रिया बंद होने के बावजूद नियोजित होने में सफल रहे हैं. राजगीर में प्रखंड शिक्षक नियोजन में अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र तथा रजिस्टर गायब होने के बावजूद नियोजन किया जाना भी शक के दायरे में है. बिंद तथा थरथरी प्रखंड में शिक्षक नियोजन के संबंध में लगातार गड़बड़ियों को लेकर हंगामा किया जाना इसका उदाहरण मात्र है. जिले में निगरानी जांच की जा रही है, लेकिन मामले का खुलासा होने में वक्त लग सकता है. पिछले वर्ष बेन प्रखंड में प्राधिकार द्वारा नियुक्त 21 शिक्षकों का नियोजन उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था.
एक ही टीइटी क्रमांकवाले विभिन्न स्कूलों के शिक्षक
केस :- 01
नाम – पिता/पति का नाम – टीटी क्रमांक
प्रिति कुमारी- अंजनी भूषण प्रसाद -2421110286
प्रिति कुमारी- श्याम सुंदर प्रसाद -2421110286
प्रिति कुमारी- अंजनी भूषण प्रसाद- 2421110286
केस :- 02
प्रेमलता कुमारी- पंकज कुमार- 2644111048
प्रेमलता कुमारी-महेश कुमार सिन्हा-2644111048
केस :- 03
निधि कुमारी- दिनु कुमार-1409110714
निधि कुमारी-हरेंद्र प्रसाद-1409110714
केस :- 04
ब्यूटी कुमारी-सुनील कुमार-1304110555
ब्यूटी कुमारी-संजय पांडेय-1304110555
केस :- 05
राकेश रंजन-नंद किशोर प्रसाद-2422118977
राकेश रंजन-नंद किशोर प्रसाद-2422118977
केस :- 06
पूजा कुमारी-उदय सिंह-2421111029
पूजा कुमारी-उदय सिंह-2421111029
क्या कहते हैं अधिकारी :जिले में निगरानी द्वारा नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के पूर्व इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं है. निगरानी टीम को शिक्षकों से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं.
सुरेंद्र कुमार,डीपीओ, जिला शिक्षा कार्यालय, नालंदा