Bihar News: मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले की लगभग दो हज़ार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ी पहल की शुरुआत की गई है. इन महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए यूनिफ़ॉर्म तैयार करने का काम सौंपा गया है. इस योजना से महिलाओं को रोज़गार मिलेगा और बच्चों को समय पर नई ड्रेस भी मिल सकेगी. योजना के पहले चरण में ज़िले के करीब ढाई लाख बच्चों के लिए पांच लाख ड्रेस तैयार की जाएंगी. हर बच्चे को दो सेट यूनिफ़ॉर्म देने का लक्ष्य रखा गया है. आने वाले समय में महिलाओं द्वारा कुल 20 लाख ड्रेस तैयार की जाएंगी, जिन्हें न सिर्फ मुज़फ़्फ़रपुर बल्कि अन्य ज़िलों में भी भेजा जाएगा.
मिल रही है सिलाई की ट्रेनिंग
जीविका के मीडिया प्रभारी राजीव रंजन ने बताया कि योजना को सफल बनाने के लिए महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग दी जा रही है. ज़िले के हर प्रखंड में इसके लिए सेंटर तैयार किए जा रहे हैं, ताकि बड़े पैमाने पर ड्रेस तैयार की जा सके. आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जीविका और संबंधित विभाग के बीच एमओयू भी हो चुका है.
पूरा हुआ रजिस्ट्रेशन
इस योजना के लिए चुनी गई दो हज़ार महिलाओं का रजिस्ट्रेशन पूरा हो गया है. अब सभी महिलाएं एक जूट होकर ड्रेस बनाने का काम शुरू करेंगी. अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से महिलाओं को न सिर्फ रोज़गार मिलेगा बल्कि वे आर्थिक रूप से मज़बूत होंगी और समाज में नई पहचान भी बना सकेंगी.
आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
ग्रामीण महिलाओं के लिए यह पहल सिर्फ कमाई का जरिया नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी है. जो महिलाएं पहले घरेलू कामकाज तक सीमित थीं, अब वे अपने हुनर से आमदनी कर परिवार की आर्थिक स्थिति मज़बूत करेंगी. शुरुआत में आंगनबाड़ी बच्चों के लिए पांच लाख ड्रेस तैयार की जाएंगी, लेकिन आने वाले दिनों में उत्पादन क्षमता बढ़ाकर राज्यभर की ज़रूरतें पूरी करने में भी मुज़फ़्फ़रपुर की महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी.

