मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अनाज वितरण में पारदर्शिता, जवाबदेही और तेजी लाने के लिए डीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. जिला आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा और मानक के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न समय पर उपलब्ध कराया जाए. डीएम ने सभी मार्केटिंग अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों का गहन दौरा कर 20 मई तक हर हाल में लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी मार्केटिंग अधिकारी इस संबंध में लाभार्थियों को व्यापक जानकारी दें, ताकि वे 20 मई तक अपने राशन की दुकानों से अनाज प्राप्त कर सकें. राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक को 18 मई तक सभी डीलरों तक खाद्यान्न पहुंचाने की अंतिम समय सीमा दी गयी है. खाद्यान्न की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने कहा कि इस तिथि तक किसी भी परिस्थिति में डीलरों को अनाज उपलब्ध करा दिया जाए. इन निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर जिला टास्क फोर्स की अगली बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया है. इ-केवाइसी की धीमी प्रगति पर भी जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई. अनुमंडल पूर्वी के मुरौल, औराई, सकरा, मीनापुर और गायघाट तथा अनुमंडल पश्चिम के सरैया, कुढ़नी, मोतीपुर और मरवन प्रखंडों में इ-केवाइसी की धीमी गति पर उन्होंने एक सप्ताह के भीतर प्रभावी सुधार लाने का आदेश दिया. डीएम ने प्रत्येक प्रखंड के लिए 10,000 इ-केवाइसी का लक्ष्य निर्धारित किया है. परख ऐप के माध्यम से 20 मई तक 66% डीलरों की जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले मार्केटिंग अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.खरीफ मौसम 2024-25 में सीएमआर आपूर्ति और रबी मौसम 2025-26 में गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा भी जिलाधिकारी द्वारा की गई. जिले में 60245.24 मीट्रिक टन सीएमआर के मुकाबले अब तक 46413.20 मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई है. मुरौल, गायघाट, बोचहा, मीनापुर और मोतीपुर प्रखंडों में धीमी सीएमआर आपूर्ति पर संबंधित सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया गया है. अग्रिम सीएमआर के विरुद्ध लंबित धान को दो दिनों के भीतर संबंधित मिलों को हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है. 75% से कम सीएमआर आपूर्ति करने वाली समितियों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को पैक्स और मिलों पर कैंप कर 30 मई तक सीएमआर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है. लापरवाही बरतने वाली समितियों के खिलाफ एक सप्ताह में कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है. जिला औसत से कम सीएमआर आपूर्ति करने वाले मिलों की जांच कर तेजी लाने का निर्देश दिया गया है और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
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