::: सत्ता में रहते कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने क्यों नहीं कराई जातीय गणना, जदयू ने विपक्ष को घेरा वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर दौरा पर पहुंचे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने केंद्र सरकार के जातीय गणना कराने के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राजद समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले का श्रेय लेने की होड़ में हैं, जबकि सच्चाई यह है कि जब ये पार्टियां सत्ता में थीं, तब उन्होंने जातीय गणना क्यों नहीं कराई. राजीव रंजन प्रसाद ने स्पष्ट किया कि जातीय गणना कराने की नींव बिहार से एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में रखी गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलकर पूरे देश में जातीय गणना कराने की पुरजोर मांग की थी. उनकी इस मांग के बाद ही केंद्र सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान विपक्षी दलों के नेता भी उपस्थित थे, जिनमें राजद के तेजस्वी यादव भी शामिल थे. लेकिन, इस फैसले का श्रेय विपक्षी दलों को देना गलत है. उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ राजनीति करते हैं, जबकि नीतीश कुमार ने हमेशा सामाजिक न्याय के लिए ठोस कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को यह याद रखना चाहिए कि जनता सब जानती है और उनके झूठे दावों का सही जवाब देगी. उन्होंने यह भी कहा कि जातीय गणना से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा और सरकार को समावेशी विकास योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि जदयू इस फैसले का स्वागत करता है और इसे लागू करने में सरकार का पूरा सहयोग करेगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभात मालाकार ने कहा कि जब तक जातियों की सही संख्या का पता नहीं चलेगा, तब तक समावेशी विकास संभव नहीं है. सत्ता में रहने पर विपक्षी पार्टियां मलाई खाती है और सत्ता से हटने के बाद विरोध करती है. प्रेस वार्ता के दौरान जदयू जिलाध्यक्ष रामबाबू सिंह कुशवाहा, भाजपा के पूर्वी जिलाध्यक्ष विवेक कुमार, लोजपा के जिलाध्यक्ष चुलबुल शाही सहित अन्य एनडीए के नेता मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है