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तकनीकी नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनायेगा : मंत्री

तकनीकी नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनायेगा : मंत्री

दीपक 20 से 22

एमआइटी में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत

देश के कई राज्यों से पहुंचे वक्ता- तकनीकी सत्रों में आए पेपर

आज दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में होगा आयोजन

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

एमआइटी में भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, एमआइटी व दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई. सभी अतिथियों को एमआइटी व डीसीइ दरभंगा की ओर से स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया गया. उद्घाटन बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने किया. उन्होंने कहा तकनीकी नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा. सरकार तकनीकी संस्थानों को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बिहार के युवाओं को स्टार्टअप्स की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. छात्रों से कहा कि वे अपने स्टार्टअप आइडिया सरकार को भेजें. ऐसे विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी और आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी. कहा कि उनका उद्देश्य बिहार के युवाओं को तकनीकी शिक्षा में इतना सक्षम बनाना है कि वे देश और विदेश में राज्य का नाम रोशन कर सकें.

एमआइटी के प्राचार्य प्रो एमके झा ने कहा कि आइसीएमआइटी बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. डीसीइ दरभंगा के प्राचार्य प्रो संदीप तिवारी ने इस आयोजन को दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक समन्वय को नई ऊर्जा देने वाला बताया. उन्होंने पुलक मोहन की ओर से विकसित थ्रीडी प्रिंटेड हार्ट स्टंट का उल्लेख करते हुए कहा कि मेडिकल, रोबोटिक्स व टेक्नोलॉजी का संगम मैकेनिकल क्षेत्र की ही देन है. कॉन्फ्रेंस में कुल 275 शोध-पत्र प्राप्त हुए. इनमें से 177 का चयन किया गया. इसमें बिहार से 24 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश से 20 प्रतिशत शोध पत्र प्राप्त हुए. अमेरिका, चेक गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, चिली, यूएइ समेत छह देशों से अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र भेजे गए थे. कुल 125 शोध पत्र तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किए गए.

इस आयोजन के संयोजक डॉ आशीष श्रीवास्तव, सचिव डॉ आलोक रंजन व प्रो अंकित ने सम्मिलित रूप से कार्यक्रम का सफल बनाने में भूमिका निभायी. आयोजन में प्रो इरशाद आलम, प्रो मनहर साह, प्रो इरफ़ान हैदर, डॉ प्रमोद कुमार, प्रो शालिनी आनंद, प्रो प्रियंका चोपड़ा, प्रो हेमंत चौधरी, प्रो गुलशन, डॉ जिगेश यादव, प्रो पप्पू, प्रो विकास, प्रो ऋषभ शर्मा ने आयोजन में भूमिका निभाई.

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संस्थागत नवाचार तकनीकी शिक्षण संस्थानों की असली पहचान

सम्मेलन में देश-विदेश के विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया. एनआइटी पटना के पूर्व निदेशक यूसी राय ने कहा कि संस्थागत नवाचार ही तकनीकी संस्थानों की असली पहचान है. डिजिटल व भौतिक दुनिया का संगम आज के उद्योग का मूल है. पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति विवेकानंद सिंह तकनीकी शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी जरूरी है.आइएसटीइ, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ प्रताप सिंह ने कहा कि तकनीक बिना नवाचार के सामाजिक पाप है. आइसीसी बिहार के चेयरमैन प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट समन्वय से ही युवाओं को रोजगार मिलेगा. सेंटर ऑफ स्मार्ट गवर्नेंस, कर्नाटक सरकार के सलाहकार प्रीतम कुमार सिन्हा ने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस में भारत को वैश्विक मानक स्थापित करने की जरूरत है. इंफोटेक के निदेशक ज्ञानेंद्र शरण ने एआइ और ऑटोमेशन में युवाओं की भागीदारी को आवश्यक बताया.

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ऑनइलाइन विशेषज्ञाें ने दिया व्याख्यान

कॉन्फ्रेंस के दौरान देश-विदेशों के एक्सपर्ट ने ऑनलाइन व्याख्यान दिया. इसमें यूएसए से डॉ शेखर राकुर्ती, दक्षिण अफ्रीका से डॉ वेलाफी मसोमी, मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर से डॉ अजय कुमार जुड़े. वहीं एमआइटी पहुंचे आइआइटी धनबाद के डॉ आलोक दास व डॉ अमिताव मंडल, आइआइटी पटना के डॉ मानबेंद्र पाठक, एलपीयू पंजाब के डॉ कुलदीप सक्सेना, आइआइटी मंडी के डॉ हिमांशु पाठक, एनआइटी रायपुर के डॉ राज साहू, एनआइटी पटना के डॉ ओम प्रकाश ने विशेष व्याख्यान दिया.

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