वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण चिकित्सकों, मुखियाओं और विकास मित्रों से अपील की है कि वे हर घर के अभिभावकों को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षण, बचाव और सावधानियों की जानकारी प्रदान करें. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत बच्चों को सरकारी अस्पताल पहुंचाना चाहिए. जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एइएस से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ड्यूटी से अनुपस्थित या लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लक्षण और उपचार: जिलाधिकारी ने अभिभावकों को सलाह दी कि बुखार, सिरदर्द, बेहोशी या चमकी जैसे लक्षण दिखने पर बिना किसी देरी के निकटतम प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चों को ले जाएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा उचित और तत्परता से इलाज किया जाएगा, ताकि बच्चे सुरक्षित घर लौट सकें. जागरूकता अभियान: एइएस जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लाख पंपलेट जिले में वितरित किये जायेंगे. इनमें से 84,000 पंपलेट सीडीपीओ की निगरानी में सेविका और सहायिका द्वारा प्रत्येक प्रखंड की पंचायतों में वितरित किए जायेंगे. शेष 16,000 पंपलेट आशा कार्यकर्ताओं द्वारा वितरित किये जाने की योजना है. बैठक में जागरूकता कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसमें सोमवार को प्रभात फेरी, मंगलवार को महादलित टोले में गृह भ्रमण, बुधवार को वीएचएसएनडी संध्या चौपाल, और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं. कार्रवाई: मुशहरी और मीनापुर पीएचसी प्रभारियों की अनुपस्थिति के चलते जिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई की. मुशहरी प्रखंड की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का वेतन अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया गया, और निलंबन के लिए अनुशंसा भी की जायेगी. बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन और अन्य अधिकारी शामिल थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, और चिकित्सा पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
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