सहूलियत
आवेदनों का स्टेटस ऑनलाइन ही पता चल जायेगा, दोहरी प्रक्रिया से मिलेगी छुट्टीडिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद प्रति ऑफलाइन में जमा करना होता है
पोर्टल पर ही कागजात करा लेंगे जमा, यहीं से सत्यापन कर बना दी जायेगी डिग्रीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरएबीयू की ओर से छात्र-छात्राओं की समस्या को दूर करने के लिए पोर्टल बनाया जायेगा. इसका फायदा उन विद्यार्थियों को होगा जो समस्याओं को लेकर विवि पहुंचते हैं. और फिर उसका स्टेटस जानने के लिए विवि का चक्कर काटते हैं. नये इंतजाम से उन्हें इससे छुट्टी मिल जायेगी. पोर्टल पर ही आवेदन का स्टेटस पता चल जायेगा.आवेदन किस स्तर पर पेंडिंग है और कबतक काम हो जायेगा, इसकी संभावित तिथि भी पोर्टल पर दिख जायेगी.दोहरी प्रक्रिया से परेशान नहीं होंगे
सबसे अधिक फायदा डिग्री के लिए दोहरी प्रक्रिया से परेशान विद्यार्थियों को होगा.अब तक विवि में डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसकी पावती के साथ अंकपत्र, रजिस्ट्रेशन व अन्य कागजात के साथ विवि के काउंटर पर ऑफलाइन प्रक्रिया करनी होती है. आवेदन की रिसिविंग तो मिल जाती है, लेकिन बाद में जब उसका स्टेटस पता करने विद्यार्थी आते हैं तो कई बार आवेदन ही नहीं मिलता. ऐसे में डिग्री के लिए अब पोर्टल पर आवेदन लेने के समय ही सारे कागजात ऑनलाइन मोड में ही अपलोड करा लिये जाएंगे. उनका सत्यापन भी ऑनलाइन ही कर लेंगे. इससे कम समय में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. साथ ही छात्र-छात्राओं के रिजल्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलेगी ताे उसे रिमार्क्स में दर्ज किया जायेगा.कई जिलों से पहुंचते हैं छात्र-छात्राएं
बेतिया, मोतिहारी, बगहा, सीतामढ़ी, वैशाली व शिवहर समेत मुजफ्फरपुर के सुदूरवर्ती इलाकों से डिग्री व अन्य समस्याओं को लेकर प्रतिदिन विद्यार्थी विवि पहुंचते हैं. यहां आवेदन करने के बाद जब वे बाद में आते हैं तो उन्हें पता चलता है कि परिणाम में कोई गड़बड़ी थी. इस कारण प्रमाणपत्र नहीं बन सका है.पोर्टल पर आवेदन की स्थिति दिखने से इन विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.परीक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है. कुलपति से अनुमति लेकर शीघ्र इसपर काम शुरू किया जायेगा.——————
डाक से डिग्री की व्यवस्था नहीं हो सकी लागू
विवि के पोर्टल पर डिग्री के लिए आवेदन करते समय डाक से डिग्री प्राप्त करने का विकल्प दिया जा रहा है. इसपर क्लिक करने के बाद आवेदक का पता लिया जाता है. डाक से डिग्री भेजने का शुल्क भी 200 रुपये लिया जाता है, लेकिन डाक से डिग्री नहीं भेजी जाती. प्रदेश से दूर रह रहे विद्यार्थियों को डाक का शुल्क देने के बाद भी विवि व कॉलेजों का चक्कर लगाकर डिग्री प्राप्त करना पड़ता है. परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में डाक विभाग के साथ समन्वय किया गया था, लेकिन बात नहीं बनी. यही वजह है कि डाक से डिग्री भेजने की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है.
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