वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जलवायु संकट के गहराते प्रभावों के बीच, मुजफ्फरपुर के श्रीयांश इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के छात्रों ने बुधवार को जलवायु न्याय की मांग को लेकर एक सशक्त पहल की. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और स्थानीय स्तर पर समाधानों पर गहन चर्चा की. बैठक में पांच प्रमुख विषयों पर फोकस किया गया. बाढ़ अनुकूलन क्षमता, जल संसाधन प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, युवा-प्रेरित जलवायु नवाचार और सतत कृषि. लैब टेक्नीशियन की छात्रा निशा कुमारी ने कहा कि बाढ़ केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और जाम नालियों का भी नतीजा है. वहीं, छात्र विवेक कुमार ने जैव विविधता और पशु संरक्षण को हमारी जीवनरेखा बताया. संस्था के संचालक अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार की बाढ़ और सूखा बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं. उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से लड़ने के लिए युवाओं की भागीदारी अब एक आवश्यकता है. संस्था की निदेशक प्रिया ठाकुर ने स्वच्छ ऊर्जा और हरित तकनीक को अपनाने पर जोर दिया. जनवादी संघर्ष मोर्चा के समन्वयक प्रभात कुमार प्रभाकर ने इसे सामाजिक और आर्थिक न्याय से जुड़ा मुद्दा बताया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

