29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अंकपत्र भेजने के बाद भी छात्रों को दौड़ा रहे कॉलेज

छात्र संवाद में विद्यार्थियों ने रखीं अपनी समस्याएं

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू के विभिन्न संबद्ध कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को अंकपत्र व डिग्री के लिए दौड़ाया जा रहा है. अंकपत्र विवि की ओर से भेजे जाने के बाद भी छात्रों को इसे नहीं दिया जा रहा है. इस कारण छात्र कॉलेज से लेकर विवि का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो जा रहे हैं. ऐसे मामले पता चलने के बाद विश्वविद्यालय संबंधित कॉलेजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इस कारण कॉलेज छात्रों को प्रताड़ित करते हैं. सोमवार को विवि के अतिथि गृह में आयोजित छात्र संवाद में दर्जनभर से अधिक ऐसे ही मामले आए. इसमें छात्रों का अंकपत्र एक से डेढ़ वर्ष पूर्व ही जारी हो चुका है, लेकिन कॉलेज कह रहे हैं कि अंकपत्र उनके पास नहीं है. विवि में कॉलेज के कर्मी ने अंकपत्र प्राप्त करने के बाद हस्ताक्षर भी किया हुआ है. इसके बाद भी छात्रों को लौटा दे रहे हैं. छात्रों से पैसा लेने के बाद उन्हें अंकपत्र व अन्य प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं. छात्र संवाद में इसकी शिकायत मिलने पर संबंधित कॉलेज के प्राचार्य को फोन कर छात्रों का अंकपत्र देने का आदेश दिया गया. आरडीएस काॅलेज के छात्र राजेश कुमार ने बताया कि उसने पीजी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा दी है. अब तक अंकपत्र नहीं मिला है. कॉलेज में कहा गया कि अंकपत्र नहीं आया है. जबकि विवि में आने पर उन्हें रिकॉर्ड देखकर बताया गया कि उनका अंकपत्र पहले ही कॉलेज को भेज चुके हैं. रामेश्वर काॅलेज की छात्रा नीलू ने बताया कि कई बार आवेदन देने के बाद पेंडिंग रिजल्ट नहीं सुधरा. छात्र संवाद में परीक्षा नियंत्रक प्रो टीके डे, डिप्टी कंट्रोलर डॉ बिपुल वर्णवाल, डीएसडब्ल्यू प्रो आलोक प्रताप सिंह, अतिथि गृह के इंचार्ज डॉ अमर बहादुर शुुक्ला समेत कर्मचारियों में चंदन कुमार, अमन, रवि कुमार अन्य मौजूद थे. —— एजेंसी बदलने के साथ परिवर्तित हो गया छात्र का रोल नंबर, फंसा रिजल्ट विवि में एजेंसी के माध्यम से परीक्षा विभाग का कार्य हाेता रहा है. पूर्व में कार्य कर रही यूपी की एजेंसी के बदलने के बाद विवि के हजारों की संख्या में छात्रों का रोल नंबर बदल गया. प्रथम वर्ष में उनका रोल नंबर कुछ और था. द्वितीय वर्ष में यूएमआइएस ने दूसरा रोल नंबर जारी कर दिया गया. छात्र ने इसी रोल नंबर पर द्वितीय व तृतीय वर्ष की परीक्षा दे दी. इस कारण अब उसका परिणाम पेंडिंग बता रहा है. अब छात्र को कहा जा रहा है कि वह प्रथम वर्ष के एडमिट कार्ड में सुधार करवाए तो रिजल्ट ठीक होगा. इसके लिए सुधार का शुल्क भी छात्र को ही देना होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें