-ओपीडी के दोनों शिफ्ट में एंटी रैबीज इंजेक्शन लग रहा
-शहर में 1932 लोगों को तीन महीने में कुत्तों ने काट लियावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
Muzaffarpur News शहर में आवारा कुत्ते रोजाना 20 लोगों को शिकार बना रहे हैं. सदर अस्पताल के दोनों शिफ्ट की ओपीडी में एंटी रैबीज इंजेक्शन मरीजों को दिया जा रहा है. दोनों शिफ्ट में इंजेक्शन देने की सुविधा है. अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार की माने तो इन दिनों कुत्तों के काटे जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. पहले शिफ्ट की ओपीडी में मरीजों की ज्यादा भीड़ रहती है. वहीं दूसरे शिफ्ट यानी शाम की ओपीडी में भी चार से पांच मरीज इंजेक्शन लेने आते हैं.
रात में कॉलोनियों व मुख्य मार्गों पर दो पहिया वाहनों से आवागमन मुश्किल हो जाता है.आवारा कुत्ते महिला, वृद्धों व बच्चों को निशाना बना रहे हैं.खासकर गर्मी के मौसम में कुत्ते आमजन के लिए अधिक हमलावर होते हैं.तीन महीने में 1932 लोगों को कुत्तों ने काटा है. प्रतिमाह का औसत आंकड़ा 630 व रोजाना का आंकड़ा 20 है.डॉक्टर एक, मरीज ज्यादा; हुआ हंगामा
मुजफ्फरपुर.
एमसीएच में एक डॉक्टर रहने व भीड़ अधिक होने पर महिलाओं ने हंगामा किया. उनका आरोप था कि एक ही डॉक्टर होने से मरीज देखने में आधा घंटे से ज्यादा वक्त लग जा रहा है. इससे ओपीडी के समय तक सभी मरीज अपना इलाज नहीं करा पाते हैं. हालांकि ओपीडी के समय के बाद भी डॉक्टर ने मरीज का इलाज करने की बात कही. इसके बाद हंगामा शांत हुआ.तय सुविधाएं नहीं दे रहे
महिलाओं ने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को बुनियादी सुविधा नहीं दी जा रही हैं. प्रसव के लिए महिलाओं को एंबुलेंस से अस्पताल लाने व ले जाने का नियम है.लेकिन महिलाएं ऑटो से आती-जाती हैं. प्रसव बाद लौट रहीं आरती ने कहा कि दो दिन पहले वह ऑटो से यहां भर्ती होने के लिए आयीं. प्रसव के बाद शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है. बावजूद एंबुलेंस नहीं दिया गया. तीन सौ रुपये में बुक कर ऑटो से जच्चा-बच्चा घर जायेंगे.अर्पणा ने बताया कि पिछले एक घंटे से कतार में लगे हैं, लेकिन डॉक्टर का नंबर नहीं आया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है