पार्षदों की पलटीमार राजनीति से नाराजगी, मेयर के खिलाफ पहले मोर्चाबंदी और दोबारा समर्थन देना नैतिकता के खिलाफ, निगम की हुई है बदनामी
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर नगर निगम में चल रहा सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले महीने मेयर के खिलाफ बगावत करने वाले तीन सदस्यों राजीव कुमार पंकू, अभिमन्यु चौहान और उमा शंकर पासवान ने वापस मेयर को समर्थन दे दिया है. बागी सदस्यों का वापस समर्थन देना मेयर के अपने ही चार पार्षदों को रास नहीं आ रहा है. 23 अगस्त को हुई स्थायी समिति की बैठक में मेयर कैबिनेट के चार सदस्य केपी पप्पू, कन्हैया प्रसाद, सुरभि शिखा व अमित रंजन अनुपस्थित रहे, जिससे साफ हो गया है कि भीतर ही भीतर एक नया सियासी मोर्चा खुल गया है. यही नहीं, उपमहापौर डाॅ मोनालिसा शहर में रहते हुए उस दिन की मीटिंग से अपने को अलग रखी. इसकी भी चर्चाएं खूब हो रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग से गायब रहे चारों पार्षद हाल ही में हुए अचानक हुए सियासी उलटफेर से नाराज हैं. मेयर कैबिनेट की सदस्य सुरभि शिखा ने सोमवार को अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि अचानक जिस तरह से पाला बदला गया, वह नैतिकता के खिलाफ है और इससे निगम की बदनामी हुई है.28 अगस्त की बोर्ड मीटिंग में हंगामा तय
अब, 28 अगस्त को होने वाली निगम बोर्ड की बैठक हंगामेदार होने की पूरी संभावना है. बैठक का मुख्य एजेंडा विकास के मुद्दे कम, बल्कि पार्षदों की इस पलटी मार राजनीति पर बहस होगी. इस पूरे प्रकरण को लेकर पार्षदों की अलग-अलग बैठकें चल रही हैं, जिससे माहौल और भी गरम हो गया है. अब देखना यह है कि मेयर इस विवाद को कैसे सुलझाती हैं और नाराज पार्षदों को अपने पाले में वापस लाने में कितना सफल होती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

