::: 100 से अधिक अपार्टमेंट है मुजफ्फरपुर शहर व इससे सटे इलाके में ::: दाखिल-खारिज के लिए सॉफ्टवेयर बन रहा, तब तक रुकी रहेगी प्रक्रिया वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर शहर और इससे सटे इलाकों में बने 100 से अधिक अपार्टमेंट के फ्लैट खरीदारों को बड़ा झटका दिया है. अब अपार्टमेंट की जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) फ्लैट धारकों के नाम से नहीं किया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारी और कमिश्नर को आदेश जारी कर दिया है. अंचल कार्यालयों में फ्लैट के म्यूटेशन से संबंधित जितने भी ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से खारिज करने का निर्देश दिया गया है. सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और समाहर्ताओं को भेजे गये पत्र में विभाग ने स्पष्ट किया है कि अपार्टमेंट की जमीन और फ्लैट धारकों के नाम से जमीन की दाखिल-खारिज की व्यवस्था विभागीय स्तर पर प्रक्रियाधीन है. इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है. सॉफ्टवेयर में आवश्यक प्रावधानों को अपडेट करने के बाद ही अपार्टमेंट की जमीन और फ्लैट धारकों के नाम से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. तब तक अपार्टमेंट की जमीन की दाखिल-खारिज, नामांतरण और जमाबंदी सृजन से संबंधित कोई भी कार्रवाई नहीं की जायेगी. विभाग जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा. बॉक्स: ‘प्रोपोर्शनेट ऑफ लैंड’ के कारण आ रही तकनीकी समस्या भूमि पर निर्मित अपार्टमेंट की रजिस्ट्री के बाद बिल्डर या भू-स्वामी द्वारा फ्लैट धारकों को ‘प्रोपोर्शनेट ऑफ लैंड’ आवंटित किया जाता है. इसका अर्थ है कि आवंटित फ्लैट में भूमि का एक आनुपातिक हिस्सा शामिल होता है, लेकिन फ्लैट की भूमि विशेष रूप से चिह्नित नहीं होती है. यह ज्ञात नहीं होता कि अपार्टमेंट के किस भाग में वह भूमि स्थित है. इसी कारण से फ्लैट धारक के नाम से दाखिल-खारिज करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं.
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